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बचपन से ही ज्योतिष मे गहरी रुचि होने के कारण जितेंद्र वर्मा ने ज्योतिष की प्रारंभिक शिक्षा किताबों से ही प्राप्त की। इसके पश्चात गुरु के सान्निध्य में रहकर ज्योतिष की बारीकियों को सीखा। बाद में उन्होनें ज्योतिष आचार्य की शिक्षा हासिल की।
जितेंद्र जी पिछले 12 वर्षों से अब तक कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष सेमिनारों का हिस्सा बनते रहे हैं। साथ ही निःशुल्क ज्योतिष शिविरों में भी इनका योगदान रहा है।
जन्मकुंडली मे शिक्षा, संतान, विवाह, तलाक, व्यवसाय, दुर्घटना तथा चिकित्सा-ज्योतिष आदि में माहिर जितेंद्र का मानना है कि कुंडली में बनने वाले शुभ तथा अशुभ योग वास्तु से अवश्य प्रभावित होते हैं।
जितेंद्र वर्मा जन्मकुंडली से ही जातक के घर का वास्तु बताकर लोगों को आश्चर्यचकित कर देते हैं तथा वास्तु द्वारा समाधान भी देते हैं। उन्होंने नवंबर 2018 मे धर्म से जुड़ी भविष्यवाणी की जो अक्षरश: सत्य साबित हुई।
'ज्योतिषं वेदानां चक्षु:' अर्थात् शास्त्रों मे ज्योतिष को वेदों की आंख कहा गया है। अत: वेदों का अध्ययन करने के लिए ज्योतिष का ज्ञान आवश्यक है। ज्योतिष एवं वास्तु को जीवन सजाने, संवारने एवं भविष्यवाणी के अलावा आध्यात्मिक उन्नति के लिये भी आवश्यक बताया गया है।