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Shiv Shankar Ji Aarti: शिव शंकर की आरती ॐ जय शिव ओमकारा !

Myjyotish Expert Updated 23 Dec 2020 10:56 AM IST
शिव शंकर की आरती
शिव शंकर की आरती - फोटो : Myjyotish

खास बातें

Shiv Shankar Aarti Hindi Lyrics (शिव आरती): भगवान शिव की आरती का बहुत ही महत्व होता है, माना जाता है भगवान शिव की आरती करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती है!
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Shankar Ji Aarti: शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव हिमालय की पहाड़ियों पर रहते हैं। पार्वती उनकी पत्नी हैं। गणेश और कार्तिक उनके बेटे हैं। शिव मोक्ष स्वरूप के प्रतीक हैं | शिव भी महान तपस्वी हैं, भोग और सुख के सभी रूपों से दूर हैं, ध्यान को पूर्ण सुख पाने के साधन के बजाय ध्यान पर केंद्रित करते हैं।  वह शैव धर्म संप्रदाय, योगियों और ब्राह्मणों के संरक्षक और वेदों के रक्षक, पवित्र ग्रंथों के लिए सबसे महत्वपूर्ण हिंदू देवता हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को पूरे ब्रह्मांड का पिता माना जाता है।  वह सभी देवताओं में सबसे दिव्य है।  “महा देव”, या सबसे बड़े देवता के रूप में भी जाने जाता है, भगवान शिव की पूजा करने से समृद्धि, धन, स्वास्थ्य प्राप्त होता है और मन शांत होता है।

भगवान शिव की आरती का बहुत ही महत्व होता है | माना जाता है भगवान शिव की आरती करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती है और मन और घर में सुख शांति और समृद्धि का वातावरण बना रहता है |

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शिव आरती : Shiv ji ki Aarti


ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

Bholenath Shiv Shankar Aarti Lyrics in English
 
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