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जानिए कैसे करें वास्तु के अनुसार माता की स्थापना, घर में आएगी सुख समृद्धि

My jyotish expert Updated 15 Oct 2021 01:05 PM IST
vastu tips devi durga sthapana
vastu tips devi durga sthapana - फोटो : google
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शरदीय नवरात्रि (लिए vratri) को शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी हैं. इस बार नवरात्रि 7 अक्टूबर 2021 से शुरू हो रही हैं जो 14 अक्टूबर को समाप्त होगा. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है. हर स्वरूप का अपना महत्व और कथा है. मां दुर्गा तेज, शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक हैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर हर चीज का विशेष ध्यान रखा जाता है उनके कलश पूजन से लेकर भोग लगाने तक हर चीज पर ध्यान दिया जाता है कोई भी गलती ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जाता है क्योंकि यह है भारत में एक विशेष उत्सव के समान है। आपको इसके महत्व के बारे में तो पता ही होगा पूरे उत्तर भारत में यहां तक कि पूरे भारत में ही इसे बहुत विशेष माना जाता है आप पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा को भी जानते होंगे कि उसका भारत में क्या महत्व है भारत के ही क्या विदेशों के लोग भी मां दुर्गा की पूजा को देखने आते हैं इन 9 दिन वह भी इस पूजा का पूरे दिल से लुफ्त उठाते हैं वह हर परिवार इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधि विधान रूप से पूजा की जाती है मान्यता है कि वास्तु अनुसार अगर मां दुर्गा की पूजा की जाए तो इससे घर में सुख समृद्धि और शांति स्थापित होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव घर में होता है।

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घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाएं नवरात्रि के शुभ अवसर पर घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाना शुभ होता है घर को अच्छे से सजाए हुए घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाएं तोरण बनाने के लिए आप आम के पत्तों का उपयोग भी कर सकते हैं यह सुंदर तो दिखता ही है वह शुभ भी होता हैहल्दी और चावल के मिश्रण से बने लेप से द्वार पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के प्रवेश द्वार पर लक्ष्मी माता के पैरों के निशान बनाना बेहद शुभ होता है। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न रहतीं हैं।

लकड़ी के आसन पर करें माता को स्थापित माता को स्थापित करने के लिए लकड़ी के आसन का प्रयोग करना चाहिए आप उसे खुद भी बना सकते हैं लकड़ी के आसन का उपयोग शुभ माना जाता है इसीलिए लकड़ी के आसन पर ही माता लक्ष्मी को स्थापित करना चाहिए इसके साथ ही माता को स्थापित करने से पहले लकड़ी के आसन पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं फिर उसके तत्पश्चात ही माता को उस पर स्थापित करें ऐसा करना बेहद ही शुभ होगा। 

आसन की दिशा का रखें ध्यान नवरात्रि के इन दिनों में जय माता की स्थापना की जाती है तो उसकी आसन की दिशा कब पर विशेष ध्यान दिया जाता है थापना करने से पहले आपको उसकी सही दिशा का पता करना आवश्यक है उसकी दिशा सही होनी चाहिए ऐसा करना लाभदायक साबित होता हैवास्तु के अनुसार, घर के उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में माता का आसन स्थापित करना शुभ होता है। इसी दिशा में घट स्थापना भी करनी चाहिए।

9 दिन तक चलता रहे दीप नवरात्रि के इन दिनों में आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि माता की जोत हमेशा जलती रहे जोत कभी भी नहीं बुझने चाहिए जो के को आप शुद्ध घी तेजल आए यह आपके लिए लाभदायक होगावास्तु के अनुसार, ज्योति को आग्नेयकोण में जलाकर रखनी चाहिए। ज्योति के लिए शुद्ध घी का इस्तेमाल करें अथवा सरसो का तेल भी इस्तेमाल किया जा सकता  हम किसी भी पर भगवान की आराधना करते हैं तो जोत अवश्य जलाते हैं जोत का अपना एक अलग ही महत्व है उसके महत्व को कभी नकारा नहीं जा सकता है इसीलिए आप इन 9 दिनों में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि माता के समीप रखा जो कभी ना बुझे।

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