खास बातें
शनि देव न्याय के देवता है और वह हर एक व्यक्ति को न्याय दिलाते हैं। हिन्दू अमावस्यांत कैलेंडर के अनुसार वैशाख अमावस्या की तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है। यानी 8 मई को न्याय के देवता, कर्मफलदाता शनिदेव का जन्मोत्सव है।
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शनि देव न्याय के देवता है और वह हर एक व्यक्ति को न्याय दिलाते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख अमावस्या की तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है। यानी 8 मई को न्याय के देवता, कर्मफलदाता शनिदेव का जन्मोत्सव है। शनिदेव को कर्मफल और दंड का प्रतीक माने जाते हैं, यानी कर्म के अनुसार शनि देव फल देते हैं। शनि देव ग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रहों में से एक हैं और व्यक्ति के जन्मकुंडली में उनकी स्थिति जीवन के अनेक पहलुओं को प्रभावित करती है।
शनि जयंती 2024 कब है?
शनि जयंती को लेकर लोगों के मन में अक्सर प्रश्न उठते हैं कि शनि जयंति वैशाख माह में आती है या ज्येष्ठ में, तो आपको बता दें कि अमावस्यांत कैलेंडर के अनुसार शनि जयंति वैशाख अमावस्या के दिन और पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन आती है। इस हिसाब से वैशाख की शनि जयंती 7 मई सुबह 11: 40 से शुरू हो रही है और 8 मई सुबह 08:51 बजे तक चलेगी।
शनि देव न्याय के देवता
न्याय का प्रतीक: शनिदेव न्याय के देवता हैं और आज के दिन उनकी पूजा करने से न्याय की भावना मजबूत होती है और समाज में न्याय स्थापित करने का संकल्प लिया जाता है।
कर्मों का हिसाब: शनि जयंती हमें अपने कर्मों का हिसाब करने का अवसर प्रदान करते हैं। इस दिन हम अपने गलत कार्यों के लिए प्रायश्चित कर सकते हैं और भविष्य में अच्छे कर्म करने का संकल्प ले सकते हैं।
शनि के प्रकोप से बचाव: यदि आप शनि की महादशा या साढ़े साती से पीड़ित हैं, तो शनि जयंती के दिन उनकी पूजा करने से उनके प्रकोप से बचाव मिल सकता है।
शनि जयंती के दिन क्या करें
शनि जयंती 2024 कब है?
शनि जयंती को लेकर लोगों के मन में अक्सर प्रश्न उठते हैं कि शनि जयंति वैशाख माह में आती है या ज्येष्ठ में, तो आपको बता दें कि अमावस्यांत कैलेंडर के अनुसार शनि जयंति वैशाख अमावस्या के दिन और पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन आती है। इस हिसाब से वैशाख की शनि जयंती 7 मई सुबह 11: 40 से शुरू हो रही है और 8 मई सुबह 08:51 बजे तक चलेगी।
शनि देव न्याय के देवता
न्याय का प्रतीक: शनिदेव न्याय के देवता हैं और आज के दिन उनकी पूजा करने से न्याय की भावना मजबूत होती है और समाज में न्याय स्थापित करने का संकल्प लिया जाता है।
कर्मों का हिसाब: शनि जयंती हमें अपने कर्मों का हिसाब करने का अवसर प्रदान करते हैं। इस दिन हम अपने गलत कार्यों के लिए प्रायश्चित कर सकते हैं और भविष्य में अच्छे कर्म करने का संकल्प ले सकते हैं।
शनि के प्रकोप से बचाव: यदि आप शनि की महादशा या साढ़े साती से पीड़ित हैं, तो शनि जयंती के दिन उनकी पूजा करने से उनके प्रकोप से बचाव मिल सकता है।
शनि जयंती के दिन क्या करें
- प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शनिदेव की प्रतिमा के समक्ष तिल का तेल का दीपक जलाएं।
- शनिदेव को काले तिल, काले कपड़े, शनिदेव के यन्त्र, नारियल, फूल, लौंग, इलायची और जौ अर्पित करें।
- "ॐ शनिदेवाय नमः" या "शनि चालीसा" के मंत्र का जाप करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
- यदि संभव हो तो शनि जयंती के दिन व्रत रखें।
- शनि जयंती के दिन शनि मंदिर में जाकर दर्शन करें।
शनि देव की उपासना से लाभ
स्वास्थ्य लाभ: शनि देव की पूजा करने से स्वास्थ्य लाभ होता है।
ग्रहों की शांति: शनि देव की पूजा करने से ग्रहों की शांति होती है और कुंडली में शनि ग्रह का दोष दूर होता है।
नौकरी और व्यवसाय में सफलता: शनि देव की पूजा करने से नौकरी और व्यवसाय में सफलता प्राप्त होती है।
शत्रुओं पर विजय: शनि देव की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
मनोकामना पूर्ति: शनि देव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।