खास बातें
14 May Baglamukhi Jayanti: देवी बगलामुखी पीले रंग के सिंहासन पर विराजमान रहती हैं, उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में वरमुद्रा होती है।
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नवदुर्गा देवियों में से आठवीं शक्ति बगलामुखी, ज्ञान, शक्ति और वाणी की अधिष्ठात्री देवी हैं। देवी बगलामुखी पीले रंग के सिंहासन पर विराजमान रहती हैं, उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में वरमुद्रा है। माता अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती है और शत्रुओं के भय को दूर करते हैं। माता को पीला रंग अति प्रिय है, इसलिए इनका नाम पीताम्बरा भी है।
माता की पूजा कैसे करें
बगलामुखी जयंती प्रत्येक वर्ष वैशाख शुक्ल पक्ष के के दिन, भक्तजनों को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद, देवी बगलामुखी की प्रतिमा या यन्त्र स्थापित करें और षोडशोपचार पूजा करें। पूजा में दीप, नैवेद्य, फूल, फल, धूप, अगरबत्ती आदि अर्पित करें। इस प्रकार से माता की अराधना करने से माता प्रसन्न होती है।
बगलामुखी माता की पूजा से लाभ
माता की पूजा कैसे करें
बगलामुखी जयंती प्रत्येक वर्ष वैशाख शुक्ल पक्ष के के दिन, भक्तजनों को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद, देवी बगलामुखी की प्रतिमा या यन्त्र स्थापित करें और षोडशोपचार पूजा करें। पूजा में दीप, नैवेद्य, फूल, फल, धूप, अगरबत्ती आदि अर्पित करें। इस प्रकार से माता की अराधना करने से माता प्रसन्न होती है।
बगलामुखी माता की पूजा से लाभ
- बगलामुखी माता को शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए सर्वक्षेष्ठ माना जाता है। यदि आपके जीवन में कोई ऐसा शत्रु है जो आपको लंबे समय से परेशान कर रहा है तो आप माता की पूजा करके उस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
- बगलामुखी माता वाणी को प्रभावशाली बनाने में भी सहायता प्रदान करती है। यदि आप किसी परीक्षा, वाद-विवाद या प्रस्तुति में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको माता की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए।
- देवी बगलामुखी मानसिक शांति प्राप्त करने में भी सहायक होती हैं। यदि आप अपने मन को शांत करना चाहते हैं और नकारात्मक विचारों से मुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप बगलामुखी माता की पूजा कर सकते हैं।
- देवी बगलामुखी ज्ञान और विद्या प्राप्त करने में भी सहायक होती हैं। यदि आप अपनी शिक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं या किसी विषय में विशेषज्ञता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप बगलामुखी माता की पूजा कर सकते हैं।
बगलामुखी माता के प्रमुख मंदिर और धार्मिक मान्यताएं
नल्खेड़ा, मध्य प्रदेश: यह बगलामुखी माता का प्रमुख मंदिर है।
बड़वाह, मध्य प्रदेश: यह मंदिर भी बगलामुखी माता का प्रसिद्ध मंदिर है।
जालंधर, पंजाब: यह मंदिर 51 पीठों में से एक माना जाता है।
कामख्या, असम: यह मंदिर भी बगलामुखी माता का प्रसिद्ध मंदिर है।
इन मंदिरों में, भक्त बगलामुखी माता की पूजा करके अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
नल्खेड़ा, मध्य प्रदेश: यह बगलामुखी माता का प्रमुख मंदिर है।
बड़वाह, मध्य प्रदेश: यह मंदिर भी बगलामुखी माता का प्रसिद्ध मंदिर है।
जालंधर, पंजाब: यह मंदिर 51 पीठों में से एक माना जाता है।
कामख्या, असम: यह मंदिर भी बगलामुखी माता का प्रसिद्ध मंदिर है।
इन मंदिरों में, भक्त बगलामुखी माता की पूजा करके अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।