खास बातें
रविवार के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के कई लाभ होते हैं, जैसे कि व्यक्ति की शारीरिक पीड़ा दूर होती है और शिक्षा, व्यवसाय में उन्नति होती है।
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रविवार का दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित होता है, यह इस बात से भी स्पष्ट होता है कि सूर्य देव का एक नाम रवि भी है। वैसे तो प्रतिदिन सूर्य देव को प्रात: स्नान के बाद जल अवश्य ही चढ़ाना चाहिए, लेकिन जो व्यक्ति पूरे सप्ताह किसी कारणवश जल चढ़ाने में अस्मर्थ होता है, वह रविवार के दिन अवश्य ही यह कार्य करे। रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करने और अर्घ्य देने से अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। सूर्य देव रोशनी और प्रकाश के प्रदाता है और ऊर्जा का प्रतीक हैं।
सूर्य देव का अर्घ्य देने के लाभ:
सूर्य देव का अर्घ्य देने के लाभ:
- सूर्य देव को अर्घ्य देने से स्वास्थ्य लाभ होता है। यह रोगों से बचाता है और आयुष्य बढ़ाता है।
- सूर्य देव को अर्घ्य देने से करियर, शिक्षा में सफलता प्राप्त होती है।
- सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति के जीवन में आत्मविश्वास बढ़ता है और कार्यक्षेत्र में उन्नति होती है।
- सूर्य देव को अर्घ्य देने से मन से नकारात्मक विचार दूर होते हैं और सकारात्मकता का संचार होता है।
- अशांत ग्रह की शांति होती है और कुंडली में सूर्य ग्रह का दोष दूर होता है।
- ध्यान रहे कि सूर्य देव को अर्घ्य सूर्योदय के उपरांत या फिर उसके 1 घंटे के बीतर ही दें, तभी आपको लाभ प्राप्त हो सकता है।
सूर्य देव को जल चढ़ाने का पौराणिक महत्व:
सम्राट इंद्र: एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब इंद्र का राज्य रावण द्वारा छीन लिया गया था, तब उन्होंने भगवान सूर्य की उपासना की थी और वो रोजोना सूर्य देव को अर्घ्य देते थे। उनकी उपासना से भगवान सूर्य प्रसन्न हुए और उन्होंने इंद्र को अपना राज्य वापस प्राप्त करने में मदद की।
कर्ण: महाभारत में, कर्ण सूर्य देव के पुत्र थे। वे अपनी वीरता और दानशीलता के लिए जाने जाते थे। वह रोजाना प्रात: सूर्य देव की उपासना करते थे।
सूर्य देव को अर्घ्य देने की सही विधि
सम्राट इंद्र: एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब इंद्र का राज्य रावण द्वारा छीन लिया गया था, तब उन्होंने भगवान सूर्य की उपासना की थी और वो रोजोना सूर्य देव को अर्घ्य देते थे। उनकी उपासना से भगवान सूर्य प्रसन्न हुए और उन्होंने इंद्र को अपना राज्य वापस प्राप्त करने में मदद की।
कर्ण: महाभारत में, कर्ण सूर्य देव के पुत्र थे। वे अपनी वीरता और दानशीलता के लिए जाने जाते थे। वह रोजाना प्रात: सूर्य देव की उपासना करते थे।
सूर्य देव को अर्घ्य देने की सही विधि
- प्रातःकाल सूर्योदय से पहले स्नान कर लें।
- स्वच्छ और लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- तांबे के लोटे में जल लें, उसमें लाल फूल और अक्षत डालें। फिर, सूर्य देव को मंत्र बोलते हुए जल अर्घ्य दें।
- "ॐ सूर्याय नमः" या "गायत्री मंत्र" का जाप करें।
रविवार को सूर्य देव को अर्घ्य देने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह एक सरल और प्रभावी पूजा विधि है, जिसे आप घर पर ही कर सकते हैं। हालांकि इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो, जब सूर्य देव जल अर्पित किया जाता है, तो सूर्य की किरणें जल से होते हुए हमारी आंखों और शरीर में पड़ती हैं। जिससे हमारे नेत्र रोग दूर होते हैं और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।