हिंदू धर्म केलैंडर के अनुसार साप्ताहिक दिनों में देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। आज शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ मां संतोषी की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि आज के दिन लक्ष्मी माता की पूजा करने से और मां संतोषी का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पारिवारिक संबंध भी अच्छे रहते है। जीवन में शांति और समृद्धि में वृद्धि प्राप्त होती हैं। मान्यताओं के अनुसार माता संतोषी के पिता गणेश और माता रिद्धि-सिद्धि हैं। कहते हैं कि मां संतोषी की पूजा के बाद आरती उतारने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
बता दें कि जहां सोमवार को महादेव को माना गया हैं। वहीं मंगलवार को हनुमान का दिन, जबकि बुधवार की श्री गणेश, गुरुवार को श्री हरि विष्णु, शुक्रवार को माता लक्ष्मी, शनिवार को शनिदेव भगवान और रविवार को सूर्य देव का दिन माना जाता हैं।
तो आइए जानते है कि कैसे माता संतोषी की पढ़ें ये आरती-
संतोषी माता की आरती
जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता।
अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।।
जय सन्तोषी माता....
सुन्दर चीर सुनहरी मां धारण कीन्हो।
हीरा पन्ना दमके तन श्रृंगार लीन्हो ।।
जय सन्तोषी माता....
गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे।
मंद हंसत करुणामयी त्रिभुवन जन मोहे ।।
शनि त्रियोदशी पर कोकिलावन शनि धाम में चढ़ाएं 11 किलों तेल और पाएं अष्टम शनि ,शनि की ढैय्या एवं साढ़े - साती के प्रकोप से छुटकारा : 08 मई 2021 | Sade Sati Nivaran Puja
जय सन्तोषी माता....
स्वर्ण सिंहासन बैठी चंवर दुरे प्यारे।
धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे।।
जय सन्तोषी माता....
गुड़ अरु चना परम प्रिय ता में संतोष कियो।
संतोषी कहलाई भक्तन वैभव दियो।।
जय सन्तोषी माता....
शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोही।
भक्त मंडली छाई कथा सुनत मोही।।
जय सन्तोषी माता....
मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई।
बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई।।
जय सन्तोषी माता....
भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै।
जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै।।
जय सन्तोषी माता....
दुखी दारिद्री रोगी संकट मुक्त किए।
बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिए।।
जय सन्तोषी माता....
ध्यान धरे जो तेरा वांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो।।
जय सन्तोषी माता....
चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे।
संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे।।
जय सन्तोषी माता....
सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे।।
जय सन्तोषी माता.
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