वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म में सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है और यहां तक कि यह त्योहार पूरे नेपाल में मनाया जाता है। यह 14 मई 2021 को प्रातः 05:38 बजे शुरू होकर और 15 मई 2021 को प्रातः 08:00 बजे समाप्त होगा।
अक्षय- शब्द का अर्थ है कभी न खत्म होने वाला, अविनाशी और तृतीया वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह जया तिथि मानी जाती है जो विजय प्रदान करने में सहायता करती है। इसलिए यह दिन उतना ही महत्वपूर्ण होता है जितना कि कमाई को खत्म करने के साथ-साथ हमारे कार्यों में सफलता हासिल करना भी नहीं है। दिन के साथ बड़ी संख्या में ऐतिहासिक घटनाएं होती हैं और वे हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
ऐसा माना जाता है कि इसी दिन गंगा पृथ्वी पर आई थी, इसी तरह महर्षि वेद व्यास ने इस दिन भगवान गणेश द्वारा महाभारत की पटकथा की शुरुआत की थी। यह भी माना जाता है कि यह अक्षय तृतीया के दिन था कि सुदामा द्वारका में भगवान श्रीकृष्ण से मिलने गए और माप से परे धन प्राप्त किया। इसलिए इस दिन को भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
अक्षय तृतीया पर कराएं मां लक्ष्मी का श्री सूक्तम पाठ एवं हवन, होगी अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति - अंबाबाई महालक्ष्मी कोल्हापुर, 14 मई 2021
इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण गतिविधियां भी है मनुष्य का जीवन जो सुख, धन और समृद्धि प्रदान करता हैं। इस दिन सोने और चांदी के गहने / पेंडेंट खरीदतें है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो अपने भक्तों को समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए जाने जाते हैं। तो आइए जानते है इस दिन से जुड़ी कुछ विशेष बातें।
इस दिन कहा जाता है कि श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत ही फलदायक है और यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यह संतान और धन भी प्रदान करता है।
श्री यंत्र की स्थापना और पूजा करना और 'श्री कनकधारा स्तोत्र' का पाठ करना स्वभाव से बहुत फायदेमंद है। यह भी नकदी प्रवाह उत्पन्न करता है और ऋण को साफ करता है। विवाह संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
- अग्रपादों के पक्ष में श्राद्ध करना बहुत शुभ होता है।
- सोना और चांदी के आभूषण / पेंडेंट खरीदना एक उत्तम निवेश माना जाता है।
- व्यक्तिगत निवेश पोर्टफोलियो को नए सिरे से जोड़ना भी बहुत शुभ माना जाता है।
- जरूरतमंदों को चावल, चीनी, नमक, आटा, कपड़े जैसी खाद्य सामग्री दान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है।
- मंगल द्वारा शासित होने वाली तृतीया तिथि को "रीना मोचक मंगल स्तोत्र" का पाठ करके पूजा की जानी चाहिए।
ये भी पढ़े :
हनुमान के वो गुण जिससे कर सकते हैं आप अपने व्यक्तित्व का विकास
क्या कोरोना वायरस का कहर कम होने वाला है? जानें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार
कौन थी माता पार्वती और भगवान शिव की तीन बेटियां, जानिए इसकी कथा