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अगर कोई इनका सच्चे मन से पूजन करें तो उनको जीवन के में धन और सुख-समृद्धि की कभी कमीं नहीं रहती।भगवान गणेश जिन्हें विघ्न हर्ता भी कहा जाता है। उनकी पूजा -अर्चना करने से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। अगर कोई इस दिन सच्चे मन से गणेश जी की आराधना करता है, तो उसके जीवन के में धन और सुख-समृद्धि की कभी कमीं नहीं रहती।
बुधवार व्रत कथा विधि (Budhwar Vrat Katha Vidhi Hindi Online):
एक समय की बात है ,कि साहुकार अपनी पत्नी को लाने के लिए अपने ससुराल गया कुछ दिन रहने के बाद उसने अपनी पत्नी के साथ अपने घर आने की सोची दुर्भाग्य से उस दिन बुधवार का दिन था । लड़की के परिवार वालों ने कहा, की आज बुधवार का दिन है जो की किसी कार्य हेतु शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए आज तुम मत जाओ किन्तु साहुकार ने किसी की एक न मानी और पत्नी समेत अपने ससुराल से घर को प्रस्थान किया। रास्ते में साहुकार की पत्नी को प्यास लगी । उसने साहुकार से कहा साहुकार ने कहा, तुम बैलगाड़ी में ही बैठो मैं पानी लेकर आता हूँ । जब वो पानी लेकर आया तो उसने देखा कि उसकी शक्ल का एक आदमी उसकी पत्नी के साथ बैठा है ।तब उसने जाकर उस पुरूष से पूछा तुम कौन तब उसने कहा मैं साहुकार हुं और फिर दोनों के बीच में झगड़ा शुरू हो गया । और वहाँ लोग और कुछ सिपाही आ गए जिन्होंने उस स्त्री से पूछा तुम्हारा पति कौन है ?तब वो इसका उत्तर न दे सकी और साहुकार अपने मन में कहने लगा की ये प्रभु की कैसी लीला है ।
तब आकाशवाणी हुई और बोली, मूर्ख आज बुधवार का दिन था तब भी तुने आज ही गमन किया ये सब भगवान बुध देव के प्रकोप से हो रहा है । वो तुझे रूठे हुए है तब साहुकार ने भगवान बुधदेव से क्षमा याचना की ।
तब वो आकाशवाणी खत्म हो गयी और इंसान के रूप में आए बुधदेव भी अदृश्य हो ग ए । और फिर साहुकार अपनी पत्नी संग घर गया और भगवान बुधदेव की पूजा की जो भी इस व्रत कथा को सुनता है । उसको बुधवार की यात्रा करने का पाप नहीं लगता है ।
बुधवार व्रत की विधि:
1.व्रत वाले दिन सुबह उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत्त होकर सबसे पहले आप भगवान के प्रतिमा के आगे बैठें।2.गणेश जी की पूजा करने से पहले संकल्प लें क्योंकि किसी भी पूजा को शुरु करने से पहले संकल्प लेना आवश्यक है।
3.सबसे पहले एक चौकी लेकर उस पर लाल कपड़ा बिछांए। इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
4. कुमकुम,अक्षत , घी और अगरबत्ती से गणेश जी का पूजन करें।
5.इसके बाद "ॐ गं गणपतये नमः" का जाप करें
बुधवार व्रत में रखी जानें वाली सावधानियां:
1. गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग न करें।2.गणेश जी की पूजा में टूटे और गीले चावल का प्रयोग न करें नहीं तो आपको गणेश जी के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।
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