शास्त्रों में तुलसी तोड़ने के नियम व सावधानियां:
शास्त्रों में तुलसी पत्ते तोड़ने के कुछ नियम बताएं गए हैं |तुलसी तोड़ते समय हमेशा इन बातों का ध्यान रखना चाहिए|
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार के दिन तुलसी में न तो जल डालना चाहिए और न ही उसके पत्ते तोड़ना चाहिए| इसके अलावा अमावस्या, चतुर्दशी ओर द्वादशी के दिन भी तुलसी का पत्ता तोड़ना अशुभ माना जाता है| ऐसा करने से जीवन में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है|
शास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद तुसली का पत्ता नही तोड़ना चाहिए| ग्रन्थों में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि माता तुलसी देवी राधा का ही स्वरूप है| मान्यता है कि देवी राधा श्री कृष्ण के साथ शाम के समय राधारानी वन में रास रचाने जाती है
| इसलिए यदि रासलीला के समय कोई व्यवधान उत्पन्न करता है तो माता उस पर अत्यंत क्रोधित होती है. साथ ही सूर्यग्रहण ओर चंद्रग्रहण के दौरान भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए|
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शास्त्रों के अनुसार स्नान करने के बाद ही तुलसी के पौधे को छूना या तुलसी पत्ते को तोड़ना चाहिए या गमले में गिरे पत्ते को चुन कर उनका इस्तेमाल करना चाहिए|
ज्युतिष शास्त्र के अनुसार घर में सूखे तुलसी का पौधा भी रखना अशुभ माना जाता है| यदि घर में तुलसी का पौधा पत्ता नही दे रहा तो उसे तुरंत किसी पवित्र नदी में उसे प्रवाहित कर दे|
कभी भी भगवान शिव और भगवान गणेश पर भी तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए|
शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को देवी राधा अपना आराध्य मानती है| इसलिए तुलसी का पत्ता शिव जी को अर्पित नही करना चाहिए|
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