नंदी
शिव महापुराण के अनुसार से शिलाद नामक एक ऋषि थे। वंश समाप्त होते देख उनके वंशज ने शिलाद से संतान उत्पन्न करने को कहा तब ऋषि शिलाद ने मृत्युहीन संतान की कामना हेतु भगवान शिव की तपस्या की। शिव शंभू के वरदान से कुछ समय बाद शिलाद को भूमि जोतते समय भूमि से उत्पन्न एक बालक मिला। तब शिलाद नें उसका नाम नदीं रखा। बाद में भगवान शिव ने नंदी को अपना गणाध्यक्ष बनाया।
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