Surya Gochar 2021 - सूर्य देव के कर्क (Cancer ) राशि में प्रस्थान (Departure) करने को कर्क संक्रांति (Cancer Solstice) कहते हैं कर्क संक्रांति सूर्य देव की दक्षिण (South) यात्रा (Travel) lके प्रस्थान को दर्शाती है जिसे दक्षिणायन (Dakshinayana) भी कहा जाता है। 6 माह (Month) के उत्तरायण (Uttarayan) काल का अंत (end) कर्क संक्रांति के दिन माना जाता है इस दिन दक्षिणायन की शुरुआत होती है जो कि आने वाली मकर संक्रांति (Makar Sankranti)तक चलती है। पौराणिक मान्यताओं (Mythological Beliefs)के अनुसार , माना जाता है कि कर्क संक्रांति से 6 माह तक देवताओं की रात्रि (Night) आरंभ (Start) हो जाती है। मकर संक्रांति के दौरान अग्नि (fire) तत्व बढ़ता है वही कर्क संक्रांति के दौरान जल (Water) तत्व बढ़ता है।
दक्षिणायान के दौरान के 4 माह में भगवान श्री विष्णु और भगवान शिव शंकर का पूजन (Worship) यापन किया जाता है। वही इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी पत्र (Basil Leaf ) अर्पित करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं व अच्छा फल देते हैं। याद रखें , गलती से भी भगवान शिव को तुलसी पत्र अर्पित ना करें।पितृपक्ष की शांति (Peace) के लिए इस दौरान ही पिंड दान किया जाता हैं।
कर्क संक्रांति के दौरान किसी भी व्यक्ति को शुभ कार्य (Auspicious Work) या नए व्यवसाय (New Business) की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। यह समय (Time) किसी भी नए कार्य (New Work) की शुरुआत (Starting) के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
कर्क संक्रांति के दौरान किए जाने वाले किसी भी कार्यों (Works) में किसी भी ईश्वर (God) का आशीर्वाद (Blessings) आपको प्राप्त नहीं होता है।
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