वास्तु शास्त्र में ऐसे तो विभिन्न प्रकार के वेधों पर चर्चा की गई है मगर यहां हम बात करेंगे छाया वेध की। अगर आपके घर या मकान पर किसी अन्य चीज़ की छाया पड़ती है तो उसे छाया वेध कहते हैं और इसे अशुभ माना जाता है। दूसरी भाषा में कहें तो छाया वेध को वास्तु दोष माना जाता है। इसका असर परिवार के सभी सदस्यों को हानि पहुंचा सकता है और उन्हें रोग होने की संभावनाओं को बढ़ाता है। अपितु इसके प्रभाव का अनुमान छाया के प्रकार और समयांतराल के द्वारा लगाया जा सकता है। छाया वेध कई प्रकार के होते हैं और सबका प्रभाव अलग होता है।
समयांतराल की भूमिका:
घर पर दूसरी चीजों की छाया ना पड़े इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है मगर ये ज़रूरी नहीं है कि घर पर पड़ने वाली हर छाया समस्याओं का प्रतीक हो। छाया का शुभ या अशुभ होना उसके प्रकार और समयांतराल पर निर्भर करता है। अगर ये छाया आपके घर पर छह घंटो के समय के आसपास पड़ती है तो वो छाया वेध है। छाया वेध के मुख्य रूप से पांच प्रकार हैं – पर्वत छाया वेध, मंदिर छाया वेध, भवन छाया वेध, ध्वज छाया वेध और वृक्ष छाया वेध। आइए जानते हैं इन पांच प्रकार के छाया वेध और उनके प्रभाव के बारे में।
पर्वत छाया वेध:
पर्वत छाया वेध से तात्पर्य है आपके घर के पूर्व दिशा में पड़ने वाले किसी पर्वत या ऊंचे टीले की छाया। मगर ये सिर्फ पूर्व दिशा के लिए ही मान्य है बाकी अन्य दिशाओं में अगर ऐसा होता है चिंता का विषय नहीं है। अगर आपके घर के पूर्व दिशा में ऐसी कोई छाया पड़ती है तो इसका दुष्प्रभाव आपके परिवार के सदस्यों के सफलता को रोक सकता है और उनकी मानहानि की संभावनाओं को भी उत्पन्न करता है।
मंदिर छाया वेध:
यूं तो मंदिर का घर के पास होना काफ़ी अच्छी बात है और लोग अक्सर ही ऐसे घरों से प्रभावित होते हैं जिसके आसपास मंदिर हो। मंदिर का घर के आसपास होना मन को शांत और प्रफ्फुलित रखने में सहायता करता है और साथ ही हमारे भीतर एक सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है। हमारा भी यही मानना है कि घर के निकट मंदिर होना अच्छी बात है मगर क्या आपको मालूम है कि इसकी छाया आपके लिए हानिकारक भी साबित हो सकती है। प्रातः 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक मंदिर की छाया अगर किसी घर या मकान पर पड़े तो ये छाया वेध के अंतर्गत आता है। ये परिवार, शादी, संतान और कारोबार संबंधी समस्याओं को उजागर कर सकती है।
भवन छाया वेध:
भवन छाया वेध का अर्थ है आपके मकान पर पड़ रहे किसी अन्य बड़े मकान या ऊंचे भवन की छाया। हालांकि इस छाया का अशुभ होना इस बात से निर्धारित होता है कि ये छाया घर के किस अंश पर पद रही है। उदाहरण के तौर पर जैसे अगर आपके घर या मकान के नजदीक कोई बोरिंग है या कोई कुआं है और उसपे ये छाया पड़ रही है तो इसे छाया वेध के अंतर्गत माना जाएगा। इस छाया वेध के असर मुख्य रूप से परिवार के मुखिया पर पड़ता है। परिवार को मुखिया को ख़ासतौर पर कई मुसीबतों को सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा परिवार के सभी सदस्यों की आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव हो सकता है।
कौन सा करियर आपको बनाएगा सफल ? जानें हमारे अनुभवी ज्योतिषियों से
ध्वज छाया वेध:
अगर आपके घर या मकान के 100 फीट के अंदर कोई मंदिर आता हो और उसके ऊपर लगे ध्वज की छाया आपके मकान पर पड़ती है तो उसे ध्वज छाया वेध माना जाता है। निश्चित तौर पर अगर मकान की ऊंचाई मंदिर से अधिक है और ध्वज की छाया मकान पर नहीं पड़ सकती तो ये मान्य नहीं है। तो अगर आपको मंदिर के निकट ही मकान बनवाना हो तो उसकी ऊंचाई का ध्यान रखकर आप मकान का निर्माण कर सकते हैं। अगर इस चीज़ का ध्यान रखा जाए तो वास्तु दोष नहीं लगेगा।
वृक्ष छाया वेध:
अगर आपके घर पर किसी वृक्ष की छाया पड़ती है तो ये भी आपके लिए अशुभ साबित हो सकता है। हालांकि इसमें कई और चीज़ों का ज्ञान होना भी आवश्यक है। जैसे इसका समय। ये पेड़ की छाया तब अशुभ मानी जाती है जब ये छाया प्रातः 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक के बीच पड़ती है। इसके अतिरिक्त घर के आगे वाले भाग में अगर वट, गूलर, पाकड़, पीपल या सेमल का पेड़ हो तो उसे भी अशुभ माना जाता है। वृक्ष छाया वेध आपके अनुमान से कई ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। कार्यों में बाधा आना, बार बार असफलता का सामना करना और इन सब के उपरांत ये आपके जीवन को भी हानि पहुंचा सकती है।
हमारे जीवन में दिशाओं का सदैव ही बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। हिंदू धर्म का अधिकतम लोग वास्तु शास्त्र को बहुत मानते हैं। अगर आप अपना घर या मकान बनवाते वक़्त इन कुछ छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। ये छोटी-छोटी चीज़ें जीवन में बड़े-बड़े परिवर्तन ला सकती है।
ये भी पढ़े:
गुरु हुए वक्री: जानिए किन पांच राशियों के लिए शुभ होगा वक्री गुरु ग्रह
ऐसी शारिरिक बनावट वाली लड़कियां होती हैं भाग्यशाली
सपने में इन चीजों को देखना बेहद ही अशुभ माना जाता है, सेहत और धन को लेकर सतर्क रहें