सामुद्रिक शास्त्र, पौराणिक काल से चली आ रही विद्या है। इस विद्या का प्रयोग मनुष्य के शारीरिक बनावटों और शरीर पर मौजूद विशेष चिन्हों का अध्यन कर के व्यक्ति के भविष्य से जुडी जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। हर मनुष्य की शारीरिक बनावट अलग होती है। हर किसी के शरीर पर अलग प्रकार के निशान, तिल और रेखाएं होती हैं। सामुद्रिक शास्त्र में इन रेखाओं और निशानों के आधार पर मनुष्य के भूत और भविष्य की जानकारी दी जाती है।
मनुष्य को जीवन में आगे बढ़ने के लिए और सफलता पाने के लिए मेहनत के साथ-साथ किस्मत की भी जरूरत होती है। जिनका भाग्य अच्छा होता है वो अपनी मेहनत का उचित फल पाते हैं और जीवन में सफल होते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो मेहनत तो बहुत करते हैं पर उन्हें अपनी मेहनत का उचित परिणाम नहीं मिल पाता। इसके पीछे उनके भाग्य का साथ ना देना प्रमुख कारण होता है।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार आपके हाथ में बनी कुछ खास तरह की रेखाएं और निशान राजयोग का निर्माण करती हैं। राजयोग के निर्माण से व्यक्ति अपना जीवन बेहद सुख-सुविधा और ठाट-बाट से बिताता है। उन्हें वैभव और ऐश्वर्य की कोई कमी नहीं रहती। वैसे ज्योतिषशास्त्र में कुल 32 प्रकार के राजयोग होते हैं। प्रायः ये 32 योग एक साथ किसी कुंडली में नहीं मिलते हैं । यदि ये सभी मिल जाएं तो जातक चक्रवर्ती विश्व विजयी राजा होता है।
आइये जानते हैं की हथेली में बनी किस प्रकार की रेखाएं और शारीरिक बनावट मनुष्य के लिए शुभ मानी जाती हैं और मनुष्य को भाग्यशाली बनाती हैं।
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