सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह की विशेष महत्व होता है जैसे बाकियों का अपना अपना महत्व हैं।माना जाता है की ये शनि ग्रह के बाद ऐसे ग्रह हैं जो इतने लंबे समय बाद अपनी राशि बदलते हैं। बृहस्पति ग्रह करीब 13 महीनों तक किसी एक राशि में रहते हैं। बृहस्पति 13 महीने में लगभग 4 महीने तक वक्री रहते हैं।गुरु बृहस्पति को देवगुरु माना गया है। कुंडली में अगर गुरु शुभ हैं तो व्यक्ति को यश, बुद्धि कौशल और भाग्यशाली बनते हैं। यह सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा शुभफल देने वाले ग्रह भी हैं। यह आध्यात्मिकता, स्वतंत्रता, ज्ञान, गुरु और इनसे मिलते-जिलते गुणों को नियंत्रित करते हैं।इस मान्यता के अनुसार देवगुरु बृहस्पति के वक्री होने से आगामी दिनों में आमजन को महंगाई से राहत की उम्मीद की जा सकती है। गुरु ग्रह 20 जून 2021 को शनि की राशि कुंभ में वक्री हो गए हैं। इसके बाद यह 14 सितंबर 2021 को मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे। आइए जानते है इन 5 राशियों के बारे में...
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