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Home ›   Blogs Hindi ›   Makar Sankranti 2021 Kumbh Mela Festivals begin

कुंभ और मकर संक्राति के साथ ही शुरू होगें सभी मांगलिक कार्य !

Myjyotish Expert Updated 11 Jan 2021 06:44 PM IST
Makar Sankranti
Makar Sankranti - फोटो : Myjyotish
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14 जनवरी 2021 से 27 अप्रैल 2021 तक कुंभ का आयोजन किया जाएगा। कुंभ का पहला शाही स्नान 11 मार्च को होगा और साथ ही 14 जनवरी से ही सारे मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाऐंगे। शाही स्नान के अलावा, मकर संक्रांति के अवसर पर भी स्नान करने के अनुष्ठान को निभाने की परंपरा है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति है इस दिन खिचड़ी बनाने और खाने का खास महत्व है। इसीलिए इसको कई जगहों पर खिचड़ी पर्व भी कहते हैं। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे। सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगें।

मकर संक्रांति पर पूजा पाठ करने का महत्वः

इस दिन श्रीनारायण कवच, आदित्य ह्रदय स्त्रोत और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना बड़ा उत्तम माना गया है। मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की पूजा करने के बाद तिल, उड़द दाल, चावल, गुड़, सब्जी कुछ धन और कपड़े किसी भी ब्राह्मण को दान करें। इस दिन भगवान को तिल और खिचड़ी और तिल का भोग लगाना चाहिए ऐसा शास्त्रों में कहा गया है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्व है।

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मकर संक्रांति के दिन क्या करें :   
1. इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके लोटे में लाल फूल और अक्षत डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
2. नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करना चाहिए।
3. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें और श्रीमदभागवद्गीता का पाठ करें।
4. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनानी चाहिए।
5. भोजन को भगवान को समर्पित कर प्रसाद रूप में ग्रहण करना चाहिए।
6. शाम के समय अन्न का सेवन ना करें।

मकर संक्रांति से जुड़ी कथाः      
मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर फेंका था और तब से भगवान की जीत को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाने लगा। मकर संक्रांति से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है। सर्दी का प्रभाव कम होने लगता है और बसंत का आगमन होने लगता है। इसके साथ ही दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनिदेव के घर जाते हैं। ऐसे में पिता और पुत्र के बीच प्रेम बढ़ता है। ऐसे में भगवान सूर्य और शनि की अराधना शुभ फल देने वाला है।   

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