पितृदोष से मुक्ति का उपाय :
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* श्रावण अमावस्या के दिन यदि पितृदोष से मुक्त होना है तो पितरों के निमित्त पवित्र नदी के तट पर तर्पण आदि कर्म करें। इस दिन पितृसूक्त पाठ, गीता पाठ, गरुड़ पुराण, गजेंद्र मोक्ष पाठ, रुचि कृत पितृ स्तोत्र, पितृ गायत्री पाठ,एंव पितृ कवच का पवित्र पाठ अथवा पितृ देव चालीसा तथा आरती करें।
* श्रावण मास की "हरियाली अमावस्या"के दिन किसी नदी अथवा तालाब में जाकर मछली को आटे की बनी गोली खिलाने से घर में धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
* अचानक आए संकट से बचने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन घर के आसपास जो चींटियों दिखें,उनको सूखे आटे में चीनी मिश्रण कर खिलाने से संभी प्रकार के संकट एंव दूख दूर हो जाते हैं।
*इस दिन पौधा रोपड़ का बहुत अधिक महत्व है। पेड़-पौधे के रूप में देववृक्ष पीपल, बरगद, केला, नींबू, तुलसी आदि का वृक्षारोपण करना शुभकारी माना जाता है।
* विभिन्न प्रकार के बाधाओं से मुक्ति के लिए हनुमान पूजा करे इस दिन सभी प्रकार की अला-बला अथवा उपरी बाधाओं से मुक्ति हेतु हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें तथा हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल आवशय चढ़ाएं।
*ऐसे पवित्र दिन में आटे की बनी दीपक ज्वलित कर नदी में प्रवाह करने से माता लक्ष्मी का अनुग्रह प्राप्त होता है।
*शनि दोष से मुक्ति के लिए इस दिन शनिदेवजी के मंदिर में विधि-विधान के अनुसार दीपक लगाने से वें प्रसन्न होते हैं साथ ही शनि पीड़ा से भी मुक्ति मिलती है।
*सुख समृद्धि हेतु इस हरियाली अमावस्या के दिन रात्रि में पूजा करते समय पूजा की थाली में स्वास्तिक अथवा ॐ बनाकर एंव उसपर महालक्ष्मी यंत्र रखें। तदाअनुसार, विधिवत पूजा अर्चना करें, ऐसे विधिवत पूजा करने से घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होता है। एंव सुख समृद्धि की भी प्राप्ति होगी।
* इस अमावस्या के दिन जगत पालनकर्ता श्रीविष्णु के मंत्रों का जाप संभव हो तो श्रीमद्भगवद्गीता का भी पाठ करें। ऐसा करने से जीवन की सभी तरह की समस्याओं के अंत होता है।
* श्रद्धालु मनोकामना पूर्ति हेतु भगवान शिव को सफेद आंकड़े के फूल, बेलपत्र,भांग एंव धतूरा चढ़ाएं। सावन अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से करना चाहिए, क्योंकि भगवान शिव शंभू के आशीर्वाद से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
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