ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों की संख्या नौ मानी जाती है- शनि, बृहस्पति, मंगल, शुक्र, बुध, चंद्र, सूर्य, राहु और केतु। सप्ताह का प्रत्येक दिन एक-एक ग्रह को समर्पित होता है और राहु-केतु को छाया ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है। नौ ग्रहों की गति और चाल के अनुसार ज्योतिषशास्त्र कार्य करता है। नौवों ग्रहों में शनि देव न्याय के प्रतीक हैं।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि सब से धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि को एक राशि से दूसरी राशि तक की यात्रा करने में ढाई वर्ष का समय लगता है।
इस साल यानी की 2021 में शनि मकर राशि में विराजमान हैं। 24 जनवरी 2020 को शनि देव धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में आ गए थे। साल 2021 में शनि देव ने राशि परिवर्तन नहीं किया है। मकर और कुंभ राशि शनि देव की स्वयं की राशियाँ हैं। शनि 30 वर्षों के बाद स्वयं की राशि मकर के गोचर हुए हैं। शनि के मकर राशि में विराजमान होने की वजह से वर्तमान में धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। वही मिथुन और तुला राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या चढ़ी हुई है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि की साढ़ेसाती जिनके ऊपर भी होती है उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि देव न्याय के देवता और कर्मो का फल देने वाले होते हैं। जिन जातकों की कुंडली में शनि की शुभ स्थिति होती है, उनपर शनि देव मेहरबान होते हैं।
ऐसे लोगों को शनि देव हर प्रकार की सुख-सुविधा और ऐशोआराम देते हैं। आइए जानते हैं शनि देव कब और किस राशि में प्रवेश करने वाले हैं और इसका प्रभाव किन-किन राशियों पर होगा-
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