myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   vinayak chaturthi pooja vrat katha significance

जानें क्यों किया जाता है विनायक चतुर्थी का व्रत, क्या है इसके पीछे छुपा पौराणिक महत्व ?

Myjyotish Expert Updated 09 May 2021 03:25 PM IST
Astrology
Astrology - फोटो : Google
विज्ञापन
विज्ञापन

हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक हर माह की चतुर्थी  की तिथि को गणेश चतुर्थी होती है।   इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी संकट खत्म हो जाते हैं । गणेश ज्ञान के देवता हैं । जिनके पूजन से व्यक्ति की सभी अज्ञानता नष्ट हो जाती है । वहाँ व्यक्ति जो गणेश की पूजा करता है । वो संसार  के अज्ञान से मुक्त होकर ज्ञान प्राप्त करता है  ।

आज हम जानेगें क्या है विनायक चतुर्थी की व्रत कथा

व्रत की पौराणिक कथा 

एक बार माता पार्वती ने शिवजी के साथ चौपड़ खेलने की इच्छा जताई  । शिवजी ने चौपड़ खेलना शुरू किया लेकिन इस खेल में मुश्किल यह थी कि हार-जीत का फैसला कौन करेगा  । इसके लिए घास-फूस से एक बालक बना कर उसमें प्राण प्रतिष्ठा कर दी और कहा कि तुम हार-जीत का फैसला करना।

इसके बाद तीन बार माता पार्वती जीतीं। लेकिन उस बालक ने कहा कि महादेव जीते। इस पर माता पार्वती को बहुत गुस्सा आया और उस बालक को कीचड़ में रहने का श्राप दिया।
बालक के माफी मांगने पर माता पार्वती ने कहा कि एक साल बाद नागकन्याएं यहां आएंगी। उनके कहे अनुसार गणेश चतुर्थी का व्रत करने से तुम्हारे कष्ट दूर होंगे  ।

बगलामुखी जयंती पर घर - परिवार की सुरक्षा के लिए कराएं कामाख्या बगलामुखी सुरक्षा अनुष्ठान - 20 मई 2021

इसके बाद उस बालक ने गणेश जी की उपासना की और भगवान गणेश प्रसन्न हो गए। गणेशजी ने उसे अपने माता-पिता यानी भगवान शिव-पार्वती को देखने के लिए कैलाश जाने का वरदान दिया।
बालक कैलाश पहुंच गया। वहीं माता पार्वती को मनाने के लिए शिवजी ने भी 21 दिन तक गणेश व्रत किया और पार्वतीजी मान गईं।

इसके बाद माता पार्वती ने भी अपने पुत्र से मिलने के लिए 21 दिन तक व्रत किया और उनकी यह इच्छा पूरी हो गयी।
माना जाता है वो बालक ही भगवान कार्तिकेय हैं।

विनायक चतुर्थी का महत्व

विनायक चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा दिन में दो बार की जाती है. एक बार दोपहर में और एक बार मध्याह्न में. मान्यता है कि विनायकी चतुर्थी के दिन व्रत करने और इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि प्राप्ति होती है। चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

विनायक चतुर्थी के बारे में मान्यता है कि इसके प्रभाव से जीवन में आ रही रुकावटें दूर हो जाती है। इसके अलावा इस व्रत को विधि-पूर्वक करने से मनोकामना पूरी होती है। इस दिन गणपति की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन-दौलत के साथ ही ज्ञान और बुद्धि की भी प्राप्ति होती है ।

ये भी पढ़े :

हनुमान के वो गुण जिससे कर सकते हैं आप अपने व्यक्तित्व का विकास

क्या कोरोना वायरस का कहर कम होने वाला है? जानें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार

कौन थी माता पार्वती और भगवान शिव की तीन बेटियां, जानिए इसकी कथा

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X