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आज नवरात्रि का छठा दिन, जानें क्यों की जाती है मां कात्यायनी की पूजा

Myjyotish Expert Updated 18 Apr 2021 07:49 PM IST
Navaratri
Navaratri - फोटो : Myjyotish
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नवरात्रि के पर्व का आज यानी की 18 अप्रैल रविवार छठा दिन है। नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी का माना जाता है। आज के दिन चंद्रमा मिथुन राशि में गोचर करेगा। हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत ही पावन और पवित्र माना जाता है। नवरात्रि में मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। माता कात्यायनी के इस रूप को मनुष्य के जीवन में बहुत ही महत्व माना जाता है। 

नवरात्रि के पर्व में मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।  शास्त्रों  के अनुसार मां कात्यायनी ने महिषासुर नामक एक असुर का वध किया था, जिससे सभी लोग परेशान थे, इसलिए मां कात्यायनी को दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी कहा जाता है। मां कात्यायनी देवी का स्वरूप आकर्षक है।  मां का शरीर सोने की तरह चमकता है। मां कात्यायनी की चार भुजा हैं और इनकी सवारी सिंह है। मां कात्यायनी के एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। साथ ही दूसरे दोनों हाथों में वरमुद्रा और अभयमुद्रा है।

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माना जाता है कि मां कात्यायनी विवाह में आने वाली समस्याओं को दूर करती है। मां कात्यायनी की नवरात्रि में विधि पूर्वक पूजा करने से विवाह संबंधी दिक्कत दूर हो जाती है। शास्त्रों के एक कथा के अनुसार  श्रीकृष्ण भगवान को पति के रूप में पाने के लिए बृज की गोपियों ने मां कात्यायनी की पूजा की। कहां जाता है कि माता कात्यायनी की पूजा करने से देवगुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं और कन्याओं को उनकी इच्छा के अनुसार वर का वरदान देते हैं।

मां कात्यायनी की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और शत्रुओं का नाश होता है और सभी प्रकार के रोगों से भी मुक्ति मिलती है।  माता की पूजा शाम के समय करना शुभ माना जाता है। 

पूजा की विधि-
 मां की पूजा शुरू करने से पहले  एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां को स्थापित करें।  पूजा में पांच प्रकार के फल, पुष्प, मिठाई आदि का प्रयोग जरूर करें। आज के दिन पूजा में शहद का विशेष प्रयोग किया जाता है, इससे मां प्रसन्न होती है।  माता कात्यायनी को पीले रंगों से श्रृंगार करना चाहिए उसे मां का आर्शीवाद हमेशा भक्तों पर बना रहता है और सभी तरह के कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है।

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