हमारे देश में त्योहारों को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व दिया जाता है और यह त्यौहार आने को है जिसके चलते लोगों के घरों में साफ- सफाई होनी शुरू हो गई है। चैत्र मास में पड़ने वाले नवरात्रि इस बार 13 अप्रैल से आरंभ है और 22 तक सब के घरों में मां का वास होगा। साल में 4 बार नवरात्रि को मनाया जाता है जिसमें 2 चैत्र और शारदीय के दिनों में और दो को गुप्त नवरात्रि माना जाता है।
नवरात्रि में मां के नौ रूपों को विधि अनुसार पूजा-पाठ की जाती है। नवरात्रि में नियमों का बहुत ही विशेष ध्यान दिया जाता है। आइए जानते है ऐसे ही कुछ नियमों के बारे में
हमारे वेद-शास्त्रों में मां की पूजा के बारे में बहुत कुछ बताया गया है कि कैसे मां किन फूलों से प्रसन्न होती है।
शनि साढ़े साती पूजा - Shani Sade Sati Puja Online
गुलाब के फूल से लक्ष्मी मां की पूजा की जाती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है।
माना जाता है कि जब से घर में मां के नवरात्रि की चौकी लगती है जब से ही घर में प्याज- लहसुन खाना और बनाना बंद कर दिया जाता है। ताकि भक्तों का मन कहीं और विचलित ना हो और घर में पूजा पाठ का माहौल बना रहे। प्याज- लहसुन ना कहने से मन की इच्छाओं पर भी अंकुश लग जाता है। यहीं कारण है कि नवरात्रि के दिनों में प्याज और लहसुन को खाना वर्जित माना जाता है।
लहसुन-प्याज को हमारे हिंदू धर्म में भी खाने से मना किया गाय है। यह हमारे शास्त्रों में देखने को मिलता है। आज भी कुछ लोग लहसुन-प्याज खाने को पाप मानते है।
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