शनिदेव भगवान को कर्म फल देवता कहां जाता है ऐसा माना जाता है कि शनिदेव सब लोगों को उनके कर्मों के अनुसार उन्हें फल देते है और दंड भी देते है, इसलिए शनिदेव को न्याय का देवता भी कहा गया है।
शनिदेव को 9 ग्रहों में सबसे प्रभावशाली माना गया है। कहां जाता है कि जब व्यक्ति पर शनिदेव की महादशा पड़ती है तो उसकी साढ़ेसाती शुरू हो जाती है और जिससे उसके जीवन में संकटों और अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन सब समस्या से बचने के लिए लोगों को विशेष रूप से शनिदेव की पूजा करनी पड़ती है और कुछ उपाय भी करने होते है।
मिथुन और तुला राशि
इस राशि के लोगों पर शनिदेव की दशा चल रही है। शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और शिक्षा, व्यापार आदि पर हानि का सामना करना पड़ सकता है।
धनु, मकर और कुंभ राशि
इन राशि के व्यक्ति पर शनिदेव भगवान की साढ़ेसाती के दौरान कार्ये क्षेत्र में बाधा और धन में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
शनि साढ़े साती पूजा - Shani Sade Sati Puja Online
नवरात्रि में शनिदेव की पूजा -
हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज यानी 17 अप्रैल शनिवार को नवरात्रि पर्व का पांचवां दिन है और इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है और मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत और पूजा- अर्चना करते है जिससे मां का आर्शीवाद बना रहे। इस बार शनिवार के दिन मृगशिरा नक्षत्र बना हुआ है, इस नक्षत्र का स्वामी मंगल है। इस दिन सूर्यास्त के बाद शनिदेव की विशेष रूप से पूजी करनी चाहिए। आज के दिन शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाने से आप के सभी पाप धूल जाते है और शनिदेव भी प्रसन्न होते है। अतः शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करने विशेष फल प्राप्त होता है।
शनि मंत्र का जाप करें
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:
शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये.
शनि का एकाक्षरी मंत्र
ऊँ शं शनैश्चाराय नम:.
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