नवरात्रि नौ दिन तक माता रानी के पूजा करने के दिन होते हैं l एक वर्ष में चार बार नवरात्रि मनायी जाती है l जिसमें चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होती है जिससे हम सब अवगत है किन्तु क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि मनाने के पीछे क्या है पौराणिक मान्यता क्यों कराया जाता है कन्या भोज ?
आज नवरात्रि से जुड़े नौ तथ्य को जानेगें हम -
1. कैसे हुआ देवी का जन्म?
देवी का जन्म सबसे पहले दुर्गा के रूप में हुआ ऐसा माना जाता है l जिसका कारण राक्षस महिषासुर का वध करना था और यही कारण हैl कि उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है l पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं को भगा कर महिषासुर ने स्वर्ग पर कब्जा कर लिया था l तब सभी देवता मिलकर त्रिमूर्ती के पास गए थे ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने अपने शरीर की ऊर्जा से एक आकृति बनाई और सभी देवताओं ने अपनी शक्तियां उस आकृति में डाली इसीलिए दुर्गा को शक्ति भी कहा जाता है lदुर्गा की छवि बेहद सौम्य और आकर्षक थी और उनके कई हाथ थे l
क्योंकि सभी देवताओं ने मिलकर उन्हें शक्ति दी इसलिए वो सबसे ताकतवर भगवान मानी जाती हैं l उन्हें शिव का त्रिशूल मिला, विष्णु का चक्र, बह्मा का कमल, वायु देव से उन्हें नाक मिली, हिमावंत (पर्वतों के देवता) से कपड़े, धनुष और शेर मिला और ऐसे एक-एक कर शक्तियों से वो दुर्गा बनी और युद्ध के लिए तैयार हुईं l
2. आखिर पूजा 9 दिन ही क्यों की जाती है?
जब माता दुर्गा ने महिषासुर पर हमला किया और एक-एक कर दैत्यों को मारना शुरू किया lतब भैंसे का रूप धारण करने वाले महिषासुर को मारने के लिए उन्हें 9 दिन लगे इसलिए नवरात्रि को 9 दिन मनाया जाता है l इससे जुड़ी अन्य कथाएं भी हैं l जैसे नवरात्रि को दुर्गा के 9 रूपों से जोड़कर देखा जाता है और कहते हैं lकि हर दिन युद्ध में देवी ने अलग रूप लिया था और इसलिए 9 दिन 9 अलग-अलग देवियों की पूजा की जाती है हर दिन को अलग रंग से जोड़कर भी देखा जाता है l
3. क्यों है अष्ट भुजाओं वाली?
देवी दुर्गा को अष्ट भुजाओं वाली कहा जाता हैl कुछ शास्त्रों में 10 भुजाओं वाला भी कहा जाता हैl वास्तु शास्त्र में 8 अहम दिशाएं होती हैं, लेकिन कई जगहों पर 10 कोण या दिशाओं की बात की जाती है इनमें हैं प्राची (पूर्व), प्रतीची (पश्चिम), उदीची (उत्तर), अवाचि (दक्षिण), ईशान (नॉर्थ ईस्ट), अग्निया (साउथ ईस्ट), नैऋत्य (साउथ वेस्ट), वायु (नॉर्थ वेस्ट), ऊर्ध्व (आकाश की ओर), अधरस्त (पाताल की ओर). कई जगह 8 दिशाएं ही मानी जाती हैं क्योंकि आकाश और पाताल की ओर को दिशा का दर्जा नहीं दिया जाता हिंदू शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना गया है l कि देवी दुर्गा हर दिशा से अपने भक्तों की रक्षा करती हैं lऔर यही कारण है कि उनकी 8 भुजाएं हैं जो आठों दिशाओं में काम करती हैं l
इस नवरात्रि कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन : 13 से 21 अप्रैल 2021 - Kamakhya Bagalamukhi Kavach Paath Online
4. शेर की सवारी ही क्यों?
देवी को शेर पर सवार बताया जाता है l दुर्गा का वाहन शेर है और इसे अतुल्य शक्ति से जोड़कर देखा जाता है ऐसा माना जाता हैl कि शेर पर सवार होकर दुर्गा मां दुख और बुराई का अंत करती हैं l
5. दुर्गा को त्रयंबके क्यों कहा जाता है?
दुर्गा को त्रयंबके कहा जाता है यानी तीन आखों वाली शिव भी त्रिनेत्र कहलाएं हैंl जिनकी तीन आखें थी दुर्गा को शिव का ही आधा रूप माना जाता हैl जिसे शक्ति भी कहा जाता है दुर्गा की तीन आखें अग्नि, सूर्य और चंद्र का प्रतीक मानी जाती हैं l
6. दुर्गा की पूजा के लिए 108 मंत्रों का जाप क्यों होता है?
नवरात्रि को दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता हैl कि भगवान राम ने मां दुर्गा की पूजा की थी जिन्हें राम ने महिषासुर मर्दिनी के नाम से ही संबोधित किया था l ये पूजा रावण से युद्ध करने के पूर्व की गई थी और इसीलिए दशहरा नवरात्रि के अंत में मनाया जाता है l जिस दिन रावण का वध हुआ था माना जाता है कि राम जी ने दुर्गा पूजा के वक्त 108 नीलकमल चढ़ाए थे दुर्गा को और इसलिए ही 108 को शुभ माना जाता है l
7. पितृपक्ष के अंत में नवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
पितृपक्ष में पितृों की पूजा के बाद ऐसा माना जाता है कि घर की शुद्धी होती है और उसके बाद आता है l देवी पक्ष यानी नवरात्रि और इसके बाद से हर तरह के त्योहारों की शुरुआत होती है l ऐसा माना जाता है कि देवी पक्ष के पहले दिन मां दुर्गा अपने बच्चों के साथ पृथ्वी की ओर यात्रा करना शुरू करती हैं l
8. क्यों ली जाती है तवायफ के घर की मिट्टी?
इस प्रथा से जुड़ी मान्यता ये है कि तवायफ के घर जाने से पहले एक पुरुष अपनी सारी अच्छाइयां और पवित्रता उसके आंगन में छोड़कर ही अंदर जाता हैl और यही कारण है कि तवायफ के आंगन की मिट्टी बहुत पवित्र हो जाती है इसी मिट्टी को मिलाकर दुर्गा की मूर्ति बनती है l
9. कन्या पूजन या कुमारी पूजन क्यों होता है?
कन्याओं को देवी का रूप माना जाता है और उन्हें सबसे पवित्र माना जाता है जब तक उनकी महावारी शुरू नहीं होती क्योंकि नवरात्रि को देवी यानी महिला रूप को पूजने के लिए मनाई जाती है l इसीलिए इसे छोटी कन्याओं को इससे जोड़ा जाता है l
ये भी पढ़े :
कुम्भ राशि के जातक कभी न करें ये काम !
कब है गणगौर तीज ? जानें तिथि,महत्व एवं व्रत कथा
जानें कुम्भ काल में महाभद्रा क्यों बन जाती है गंगा ?