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Home ›   Blogs Hindi ›   Maha Kumbh Ganga Snan Ka Mahatva Importance & Significance

महाकुंभ में गंगा स्नान करना महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है ?

Myjyotish Expert Updated 21 Mar 2021 05:26 PM IST
Mahakumbh
Mahakumbh - फोटो : Myjyotish
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हिन्दू धर्म में कुम्भ मेला बहुत ही  महत्वपूर्ण माना जाता है, यह दुनिया के सबसे बड़े शार्मिक समारोह में से एक है। इस साल यह 14 जनवरी से आरम्भ हुआ है और अप्रैल 2021 तक जारी रहेगा। बता दें कि कुंभ मेला का आयोजन हर 12 साल में चार अलग-अलग जगहों पर किया जाता है जिसमे हरिद्वार, इलाहाबाद, उज्जैन और नासिक शामिल है । हालांकि, इस साल यह 12 के जगह 11 साल बाद पड़ने वाला है और यह हरिद्वार में आयोजित किया जाएगा। यहां देश-विदेश से लाखों की तादाद में पर्यटक आते हैं और इस पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं । हमेशा की तरह इस साल भी लाखों की तादाद में भक्त, साधु, संत हरिद्वार में इकट्ठा होंगे।
 
महाकुंभ में आने वाले सभी भक्त सबसे पहले स्नान करते हैं क्योंकि यहां की नदी में डुबकी लगाना बहुत ही पवित्र माना जाता है । पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि यहां की पवित्र नदी में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं और मन की शुद्धि हो जाती है ।

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कहा जाता है कि जो व्यक्ति कुम्भ के दौरान गंगा स्नान करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है । इतना ही नहीं, इस पवित्र नदी में डुबकी लगाने से सभी के रोग और बीमारी  लिए मुक्त हो जाते हैं । हिन्दू धर्म में गंगा नदी सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, लोग इन्हे देवी की तरह पूजते भी हैं । यही कारण है की लोग इस पवित्र नदी में डुबकी लगाने की इच्छा रखते हैं ।
 
माना जाता है कि कुम्भ में स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है और सभी पापों का भी प्रायश्चित हो जाता है । इस महापर्व में जो भी व्यक्ति इस पवित्र नदी में स्नान और ध्यान करता है या जो भी अपने मन में इच्छा रखता है, वह पूरी हो जाती है । शास्त्रों के अनुसार जब देव और दानव के बीच समुद्र  मंथन हुआ था तब अमृत की कुछ बुँदे यहां जा गिरी थी। तभी से महाकुंभ में स्नान करना सबसे पवित्र माना जाता है। सभी के घर और परिवार में सुख और शांति की प्राप्ति हो जाती है।

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