myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Astrology effects Meen sankranti body mind soul energy

मीन संक्रांति-तन, मन और आत्मा को शक्ति प्रदान करता है। ज्योतिषाचार्या स्वाति सक्सेना

ज्योतिषाचार्या स्वाति सक्सेना Updated 15 Mar 2021 02:43 PM IST
blogs
blogs - फोटो : Myjyotish
विज्ञापन
विज्ञापन


14 मार्च से 14 अप्रैल तक सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।

 तन, मन और आत्मा को शक्ति प्रदान करता है। इस विशेष माह पर सूर्यदेव को जल अर्पित  करना ।

इस माह में सूर्य देव की कृपा के साथ  देव गुरु बृहस्पति देव की कृपा भी प्राप्त होती हैं ।

सूर्य मेष राशि से अंतिम राशि मीन तक भ्रमण करते है। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश को मीन संक्रांति कहते हैं। इस बार मीन संक्रांति 14 मार्च 2021 दिन रविवार को पड़ रही है। 
सूर्यदेव का जब-जब गुरु की राशि धनु एवं मीन में परिभ्रमण होता है या धनु व मीन संक्रांति होती है तो वह खर मास कहलाता है। ऐसे में सभी तरह के मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। खर मास  में नामकरण, विद्या आरंभ, कर्ण छेदन, अन्न प्राशन, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृहप्रवेश तथा वास्तु पूजन आदि मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता है। यानी इस बार  14 मार्च से 14 अप्रैल तक सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।

मीन संक्रांति पुण्य काल
मीन संक्रांति तिथि 14 मार्च 2021 दिन रविवार
मीन संक्रांति महापुण्य काल शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 27 मिनट तक
पुण्य काल की कुल अवधि 11 मिनट की होगी।

हर रविवार करें पूजन
पर विशेष शुभ प्रभाव के लिए पूरे माह रोज करे । 
अपने अराध्य देव का पूजन  करे धूप दीप नैवैद्य अर्पित करें।

 होली के दिन, किए-कराए बुरी नजर आदि से मुक्ति के लिए कराएं कोलकाता में कालीघाट स्थित काली मंदिर में पूजा - 28 मार्च 2021

सूर्यदेव को अर्घ्य दें 
अर्घ्य मंत्र- "ऊँ सूर्याय नम:"
अर्घ्य समय - उगते सूर्य से 8:30 तक- तक विशेष लाभ कारी रहता है। 

अर्घ्य देने का तरीका
नित्य स्नान के बाद एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ा सा कुमकुम मिलाकर सूर्य की ओर पूर्व दिशा में देखकर दोनों हाथों में तांबे का वह लोटा लेकर मस्तक तक ऊपर करके सूर्य को देखकर अध्र्य जल चढाना चाहिए । 

जाप
अगर किसी वजह से सूर्य अर्घ्य  ना दे सके तो घर मे ही सूर्य देव के चित्र या विष्णु भगवान के समक्ष बैठ कर 

सूर्य गायत्री मंत्र :
"ऊँ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात् ।"का जाप करे । 
तिल, वस्त्र और अनाज का दान करें। 
गाय को चारा खिलाएं। 
पवित्र नदियों में स्नान करें।     
गुरुवार को मंदिर में पीली वस्तुएं दाना करें।

यह भी पढ़े :-         

बीमारियों से बचाव के लिए भवन वास्तु के कुछ खास उपाय !  

क्यों मनाई जाती हैं कुम्भ संक्रांति ? जानें इससे जुड़ा यह ख़ास तथ्य !

जानिए किस माला के जाप का क्या फल मिलता है

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X