इस सक्रांति का अपना विशेष महत्ता होती है जिसे करने से नकरात्मकता दूर होती है साथ ही सकरात्मक विचार मन में आते हैं
क्या है मीन सक्रांति
हमारे हिन्दू कैलेंडर में हर माह एक सक्रांति होती है जिनकी संख्या 12 होती है मीन संक्रांति वर्ष के आखिरी माह की संक्रांति होती है जिसके कारणवश इसका विशेष महत्व होता है प्रत्येक माह सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं सूर्य के मीन राशि में संक्रमण करने की तिथि को मीन संक्रांति कहा जाता है इस बार यहाँ 14 मार्च दिन रविवार को मनायी जा रही है
दक्षिण भारत में इसे मीन सक्रांति के नाम से भी जाना जाता हैं
बाकी सक्रांति की तरह इस सक्रांति को भी दान पुण्य करने का विशेष महत्व है इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है ये सक्रांति ओडिशा में बड़े उल्लास पूर्वक मनाया जाता है जिसमें एक अलग आनंद की छटा दिखाई देती है
होली के दिन, किए-कराए बुरी नजर आदि से मुक्ति के लिए कराएं कोलकाता में कालीघाट स्थित काली मंदिर में पूजा - 28 मार्च 2021
मीन सक्रांति क्यों है इतनी खास
जैसा कि हम सब इसे अवगत है कि हिन्दू कैलेंडर में 12 सक्रांति होती है जिनका अपना अपना महत्व होता है किन्तु मीन संक्रांति वर्ष के आखिरी माह की संक्रांति होती है जिसके कारणवश इसका विशेष महत्व होता है उत्तरायण होते सूर्य के कारण दिन का समय बढ़ने लगता है और रात्रि छोटी होने लगती हैं इस समय प्रकृति में नया सृजन होता है इस समय उपासना, ध्यान, योग करने से तन-मन और बुद्धि को पुष्ट होती है मीन संक्रांति पर भगवान सूर्य की उपासना से नकारात्मकता दूर होती है और ऊर्जा की प्राप्ति होती है
मीन सक्रांति की पूजन विधि
मीन सक्रांति की पूजन विधि कुछ इस तरह से है इस दिन सुबह सूर्यादय से पहले पवित्र नदियों में स्नान करना अच्छा माना जाता है किन्तु किसी कारणवश नदियों में स्नान नहीं कर पाएं तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना भी अच्छा होता है स्नान करने का बाद सूर्यदेव को प्रणाम करके उन्हें अर्घ्य दें संक्रांति के दिन मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन करें इस दिन वैदिक मंत्रों का जाप करना बहुत ही शुभफलदायी रहता है.
यह भी पढ़े :-
इस वर्ष होलाष्टक क्यों है ख़ास ? जानें इसका महत्व
आज का राशिफल 17/03/2021 : इन पांच राशियों के लिए शुभ, जानें कैसा होगा आपका दिन
श्री गणेश करेंगे सबकी कामना पूर्ण, जानें बुधवार के व्रत से होने वाले विशेष लाभ