कालाष्टमी व्रत का महत्व -
कालाष्टमी व्रत का वर्णन आदिपुराण में पूरे विस्तार से किया गया है। भगवान काल भैरव को शिव जी का अवतार माना जाता है। काल का अर्थ है"समय" और भैरव का अर्थ है "शिव की अभिव्यक्ति"। इसके साथ ही काला अष्टमी के दिन भगवान शिव की पूजा का भी महत्व है। इस दिन शिव पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। और शिव जी का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।साथ ही काल भैरव की विशेष कृपा मिलती है। जिससे भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।और नकारात्मक पीड़ाये भी खत्म होती हैं।
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काल भैरव का विशेष मंत्र-
ॐ काल भैरवाय नमः।
ओम शिवगणाय विद्महे गौरी सुताय धीमहि तन्नो भैरव प्रचोदयात।
व्रत के दौरान की सावधानियां -
काल भैरव अष्टमी के को ना सोए वरना आर्थिक नुकसान से जूझना पड़ सकता है।
इस दिन सात्विकता का पालन करें।
और उपवास के दौरान भोजन से बचें।
इस दिन नमक का सेवन ना करें। कालाष्टमी पर माता- पिता गुरु का अपमान बिल्कुल ना करें।
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