myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Kalashtami 2021 Vrat Story in Hindi, Kalashtami Katha, Puja Date Kab Hai

जानिए कब होगी कालाष्टमी और उससे जुड़ी पौराणिक कथाएं

Myjyotish Expert Updated 02 Feb 2021 05:28 PM IST
Kalashtami
Kalashtami - फोटो : Myjyotish
विज्ञापन
विज्ञापन
कालाष्टमी की तिथि हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी की तिथि के दिन मानी जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के रौद्र रूप की पूजा इस दिन की जाती है। इसके साथ ही इस दिन को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है और इस शुभ दिन भैरव देवता के भक्तगण उपवास रखते हैं। 

अगली कालाष्टमी 4 फरवरी को पड़ने वाली है। इसका व्रत वैसे तो सप्तमी तिथि से ही शुरू हो जाता है। इस दिन भैरव की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की सभी अभिलाषा पूर्ण हो जाती है। क्योंकि भैरव का जन्म भगवान शिव के क्रोध से हुआ था इस दिन इसीलिए कालाष्टमी मनाई जाती है। भैरव को दंडपाणी भी कहा जाता है क्योंकि वह साक्षात दुष्टों के काल माने जाते हैं।

कालभैरव के जन्म से जुड़ी कथा 

एक बार ब्रह्मा और विष्णु के बीच एक बात पर विवाद हो गया था। दोनों अपने को महान बताकर शिव को तुच्छ कहने लगे। तब शिव को क्रोध आ गया। इस क्रोध के कारण ही भैरव नाम के विकराल पुरुष की उत्पत्ति हुई। भैरव का स्वरूप अत्यंत विकराल, स्वयं काल के समान था, जिससे काल को भी डर लगता था। जिसके कारण इनका नाम कालभैरव हुआ। शिव ने कालभैरव को ब्रह्मा पर अधिकार कर संसार का पालन करने का आदेश दिया। 

इस कालाष्टमी प्राचीन कालभैरव मंदिर दिल्ली में पूजा और प्रसाद अर्पण से बनेगी बिगड़ी बात : 4 फरवरी 2021

कालभैरव ने ब्रह्माजी का पांचम सिर अपने नरवाग्र से अलग कर दिया। इसके पश्चात ब्रह्मा और विष्णु महाकाल के शरणागत हो गए। तब शिव ने दोनों को माफ किआ। उसके बाद काल भैरव से कहा कि चूंकि भैरव भक्तों के पापों का तत्काल नाश कर देंगे अत: भैरव महाराज को पापभक्षण के नाम से भी जाना जाएगा। इसके साथ ही विश्वनाथ ने भैरव को अपनी काशी का कोतवाल भी बना दिया।

कब है कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त: 

माघ, कृष्ण अष्टमी, 4 फरवरी, गुरुवार 

अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी - 4 फरवरी, गुरुवार रात 12 बजकर 7 मिनट से 

अष्टमी तिथि समाप्त होगी - 5 फरवरी, शुक्रवार रात 10 बजकर 7 मिनट पर।

यह भी पढ़े :-         

बीमारियों से बचाव के लिए भवन वास्तु के कुछ खास उपाय !

क्यों मनाई जाती हैं कुम्भ संक्रांति ? जानें इससे जुड़ा यह ख़ास तथ्य !

जानिए किस माला के जाप का क्या फल मिलता है

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X