बुध ग्रह को कई महत्वपूर्ण गुणों का कारक बताया गया है। ज्योतिषाचार्य शालिनी मल्होत्रा ने इन तथ्यों का विस्तारपूर्वक विश्लेषण करते हुए बताया है की त्वचा का कारक, बुद्धि का कारक, वाणी का कारक मस्तिष्क की तंत्रिका तंत्र का कारक आदि इस ग्रह के प्रमुख तथ्य हैं। कई लोगों के लिए बुध ग्रह जन्म या वर्ष कुंडली में अशुभफलदायी नजर आता है।
इससे उभरने के लिए भगवान विष्णु का ध्यान करके शुक्ल पक्ष के बुधवार को आरंभ करके 9000 की संख्या में बीज मंत्र का जप करना चाहिए। बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए इस पूजा मंत्र का जाप किया जा सका है: ऎं स्त्रीं श्रीं बुधाय नम: ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: ऊँ स्त्रीं स्त्रीं बुधाय नम:। इस मंत्र के जाप के साथ ही निम्न वस्तुएं भी दान की जा सकती हैं: मूंगी, चीनी, हरी इलायची, 5 हरे फल, हरे पुष्प, हरी सब्जी, हरा कपड़ा, हाथी का दांत, पन्ना सोना, कांस्य पात्र तथा दक्षिणा।
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कुंडली में बुध को शुभ बनाने के उपाय :
ये हमने बात की कि अगर बुध अशुभफलदायी हो तो क्या उपाय किए जा सकते हैं। लेकिन यदि कुंडली में बुध शुभ होते हुए भी फलकारक न हो तो निम्न उपाय किए जा सकते हैं:
1. हरे रंग के वस्त्र पहनें। याद रखें अगर बुध अशुभ है तो हरा रंग बिल्कुल ना पहनें।
2. हरे रंग का पन्ना बुधवार को सोने की अंगुठी में धारण करें।
3. बुधवार के दिन चांदी या कांस्य के गोल टुकड़े को हरे रंग के कपड़े में लपेट कर जेब में रखें या हाथ में बांधें।
यदि बुध अशुभ हो तो 1 मूंगी साबत के सात दानें, हरा पत्थर, कांसे का गोल चुकड़ा, हरे वस्त्र में लपेट कर बुधवार को चलते पानी में बहाना शुभ होगा। पानी में बहाते समय कम से कम सात बार बीज मंत्र पढ़ें। 2 हरे रंग के वस्त्र किसी हिजड़े को बुधवार के दिन देना शुभ होता है। 3-6 इलायची हरे रूमाल में लपेटकर अपने पास रखें तथा इसके पश्चात एक इलायची व तुलसी पत्र का सेवन करना शुभ रहेगा।
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