हिन्दू धर्म में सिन्दूर महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यह देवी पार्वती का प्रतीक होता है और माना जाता है कि मां पार्वती उनके पति की जीवन भर हर संकट से बचाती हैं। देवी पार्वती महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान भी देते हैं। कहा जाता है कि सर पर मां लक्ष्मी विराजमान होती हैं और उनके कृपा से पति-पत्नी लम्बे समय तक साथ रहते हैं। मांग में सिंदूर लगाने की परंपरा प्राचीन काल से ही चलती आ रही है।
हिन्दुओं में सिंदूर का महत्व हर जगह है। मान्यता है कि घर के दरवाजे पर सिंदूर से स्वास्तिक के निशान बनाने से घर में सुखी-शांति बनी रहती है। अगर आपके घर में अकसर अशांति का माहौल बना रहता है तो यह उपाए अवश्य अपनाएं। सूर्य को जल देते वक़्त थोड़ी सी सिंदूर जल में डाल दें इससे भगवान आपकी मनोकामना पूरी करते हैं। मान्यता यह भी है कि तेल में सिन्दूर मिलाकर घर के मुख्य दरवाजे पर लगाने से घर में अच्छी ऊर्जा प्रवेश करती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।
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श्री गणेश पर चढ़ी हुई सिन्दूर को अगर आप घर के द्वार पर लगाएंगे तो आपके यहां सदैव सुख-शांति बनी रहेगी देवी-देवताओं की पूजा भी बिना सिन्दूर के अधूरी होती है। अगर आप किसी धन की समस्याओं से गुज़र रहे हैं तो चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर पांच मंगलवार और शनिवार तक हनुमान जी को चढ़ाएं। ऐसा करने से आपके धन की समस्या और व्यपार सम्बंधित मुश्किलें दूर हो जाएंगी। कि मरीज के ऊपर से सिन्दूर को उतार कर बहते हुए जल में प्रवाहित करने पर कोई भी बीमारी से जल्द ही छुटकारा मिल जाती है।
पौराणिक कथाओं में यह भी कहा गया है कि यदि कोई विवाहित सिन्दूर लगाती है तो उसके पति की अकाल मृत्यु नहीं होती है। यह पति की लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक होती है।
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