लाभ-
इस पितृ पक्ष, अपने तीन पीढ़ियों की आत्मा की शांति हेतु पितृ पक्ष के प्रत्येक दिन करें नित्य तर्पण । यह पूजा अत्यंत शुभफल दायक होती है । इससे आपको पितृ दोष से मुक्ति तो मिलेगी ही साथ ही आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा । माता-पिता की सेवा करके मरणोपरांत पितृपक्ष में पूर्ण श्रद्धा से श्राद्ध करने पर पितृऋण से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि भगवान राम और सीताजी ने भी राजा दशरथ की आत्मा की शांति के लिए गया में ही पिंडदान किया था । विष्णु पुराण के अनुसार गया में पूर्ण श्रद्धा से पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष मिलता है। मान्यता है कि गया में भगवान विष्णु स्वयं पितृ देवता के रूप में उपस्थित रहते हैं, इसलिए इसे पितृ तीर्थ भी कहते हैं।
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