खास बातें
Shukra Grah Effect: शुक्र ग्रह को धन संपत्ति का प्रतीक माना जाता है। यदि आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति सही भाव में है तो आपको भौतिक सुख-सुविधाओं, ऐश्वर्य एवं धन-संपत्ति प्राप्त होगी। इस लेख में कुंडली के प्रथम भाव से लेकर बारहवें भाव तक शुक्र ग्रह का प्रभाव बताया गया है।कुंडली के 1 से 12 भावों में शुक्र का प्रभाव
- पहला भाव: यदि शुक्र ग्रह कुंडली के पहले भाव में है तो जातक कलात्मक, रचनात्मक और आकर्षक होता है। साथ ही जातक को मान-सम्मान और धन का लाभ होता है।
- दूसरा भाव: कुंडली के दूसरे भाव में शुक्र का होना दर्शाता है कि जातक परिवार, सुख-सुविधाओं और धन का धनी है।
- तीसरा भाव: यदि आपकी कुंडली के तीसरे भाव में शुक्र है तो यह पराक्रम, संचार, भाई-बहन का प्रतिनिधित्व करता है। इस स्थिति में जातक को अपने भाई- बहनों से सहयोग, प्रभावी संवाद कौशल और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
- Shukra Grah Effecयदि जातक की कुंडली के चौथे भाव में शुक्र ग्रह विराजमान है, तो वह परिवार सुख से संपन्न होता है। इसके अलावा बिजनेस करने पर उसकी पहुंच विदेशों तक हो जाती है।
- पांचवां भाव: पांचवें भाव में शुक्र ग्रह का होना इस बात का प्रमाण देता है कि आपके पास प्रेम एवं संतान सुख और बुद्धि है। साथ ही कुछ परिस्थियों में अचानक धन लाभ के अवसर प्राप्त होते हैं।
- छठा भाव: कुंडली के छठे भाव में शुक्र होने से आप शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन वहीं इसके विपरीत कुछ परिस्थियों में रोग का शिकार भी हो सकते हैं।
- सातवां भाव: सातवें भाव में शुक्र ग्रह का अर्थ है कि आप एक सफल जीवन साथी हैं और सुखपूर्वक वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं। कार्यक्षेत्र में मेहनत करने पर अच्छा लाभ प्राप्त होता है।
- आठवां भाव: इस भाव में विराजमान शुक्र ग्रह के जातकों को अकस्मात धन लाभ और सुख सुविधाओं में वृद्धि करा सकता है। हालांकि आपको अपने गुप्त शत्रुओं से बचने की आवश्यकता है और साथ ही गुप्त रोग भी हो सकते हैं।
- नौवां भाव: उच्च पद, मान सम्मान में वृद्धि, पिता सहयोग और विदेश यात्रा क योग होते हैं। हालांकि कुछ परिस्थियों में मानसिक तनाव और कार्यक्षेत्र में कठिनाई आ सकती है।
- दसवां भाव: कुंडली के दसवें भाव में शुक्र की स्थिति दर्शाती है कि जातक को मान सम्मान में वृद्धि होगी और व्यवसायिक क्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति होगी। करियर सफल रहेगा और विदेश यात्रा के अवसर प्राप्त होंगे।
- ग्यारहवां भाव: इस भाव में शुक्र को होना, जातक को मित्रों से लाभ के अवसर प्रदान करवाता है। साथ ही जातक को शुभ समाचार मिलने के भी आसार होते हैं।
- बारहवां भाव: इस भाव में बैठा शुक्र जातक को विदेश यात्रा का सुख दे सकता है। गुप्त धन की प्राप्ति हो सकती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
ध्यान दें कि उपरोक्त शुक्र के प्रभाव सामान्यत: जातकों में देखे जाते हैं। साथ ही यह स्थिति ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के साथ बदलती रहती है। यदि आप इसके बारे में विस्तुत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो एक बार ज्योतिष से परामर्श अवश्य ही ले लें।