नींद की बात करें तो यह खुद को प्रोडक्टिव रखने का बहुत बड़ा कारण है, दौड़ती-भागती तनाव भरी जिंदगी में नींद का महत्व और बढ़ गया है। दिनभर की भागदौड़ के बाद हम थक कर घर वापस आते हैं तो हमें सुकून भरी और आरामदायक नींद की आवश्यकता होती है। रात में कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए, जिससे अगले दिन के कामकाज के लिए अपने मस्तिष्क को तरोताजा कर सकें। इस तरह से हम अपने जीवन का एक तिहाई हिस्सा सोने में बिता देते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी होता है। आज की जीवनशैली में रात को सोना लग्जरी माना जाने लगा है। ग्लोबलाइजेशन के समय में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों, आईटी, आईटीईएस और बीपीओ में काम करने वाली जेनरेशन का रात में सो पाना दूभर हो गया है।
एक अच्छी नींद के लिए कुछ बातों पर ध्यान दिए जाने की आवश्यता है। याद रखिए नींद की गोलियां हमेशा इस समस्या से निजात पाने का आखिरी विकल्प होना चाहिए। इसकी बजाए हम दिनचर्या में सुधार कर चैन की नींद ले सकते हैं। आपको सोने और जगने का समय सुनिश्चित कर लेना चाहिए। हमें नियमित रूप से एक ही समय पर सोना चाहिए। सुबह समय पर उठने के लिए अलार्म का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। नियमित रूप से एक ही समय सोने पर शरीर इसका आदी हो जाता है और नींद आने में कोई दिक्कत नहीं होती। वहीं जो लोग रात में अच्छी नींद नहीं लेते, ऐसे व्यक्तियों को थकान, आलस्य, चिड़चिड़ापन जैसा अनुभव होता है। यहाँ तक की शाश्त्रों में इसका एक कारण सोने की दिशा और इन्सान की आदतों के वजह से भी बताया गया है | वास्तु शास्त्र के मुताबिक ठीक से नींद ना ले पाने की वजह व्यक्ति के सोने की दिशा और उसकी आदतें हैं। अगर व्यक्ति वास्तु शास्त्र में बताए गए नियमों के आधार पर सोए तो रात में वह चैन की नींद ले सकता है।
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