गणपति को इस मंत्र से चढ़ाएं दूर्वा
गणेश जी को 21 पत्तियों को यदि आप चढ़ा पाने में असमर्थ हों तो आप इसकी जगह दूर्वा की 21 गांठ ‘श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि’ मंत्र के साथ चढ़ाएं. इसके साथ गणपति को 21 मोदक और मोतीचूर के लड्डू प्रसाद में चढ़ाएं और विधि-विधान से आरती करके सभी को प्रसाद बांटें. श्रद्धा एवं विश्वास के साथ की गई इस पूजा से गणपति शीघ्र ही प्रसन्न होंगे आपकी मनोकामनाओं को पूर्ण करेंगे.
गणेश जी को पूजन करते समय दूब, घास, गन्ना और बूंदी के लड्डू अर्पित करने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। कहते हैं कि गणपति जी को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। मान्यता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लम्बोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था, इससे नाराज होकर गणपति ने उन्हें श्राप दे दिया था।
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