जीवन के संकटों से बचने हेतु जाने अपने ग्रहों की चाल, देखें जन्म कुंडली
परंतु केवल पूरे विधि विधान से पूजा करना ही काफी नहीं होता है | ऐसी मान्यता है कि यदि गणेश चतुर्थी के दिन एक इस कहानी को पढ़ा जाए या सुना जाए | भगवान गणेश अत्यंत प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन की सभी समस्याओं को समाप्त कर देते हैं | केक ले फिर हम आपको बताएंगे कि ऐसी कौन सी कथा है और क्या वह कथा है जिसको सुनने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं | और जिससे आपकी पूजा संपूर्ण मानी जाएगी | यदि आप भी गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहते हैं और अपने कष्टों का निवारण चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए अत्यंत लाभकारी है |
कहानी -
पुराणों के अनुसार ऐसा कहा गया कि एक बार सभी देवी देवता पर अत्यंत भारी कष्ट आ गया | जिससे कोई भी देवी या देव निपट नहीं सके | सब सभी देवी - देवता कैलाश पर महाकाल और माता पार्वती के सहायता मांगने गए | उस समय माता पार्वती और भगवान शिव भगवान कार्तिकेय एवं भगवान गणेश के साथ बैठे थे | तब सभी देवताओं ने अपनी समस्या को महादेव को बताया | जिसे सुनकर महादेव ने अपने दोनों पुत्रों से पूछा कि इस समस्या का निवारण तुम दोनों में से कौन करने में सक्षम है | सब एक ही साथ भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश ने खुद को सक्षम बताया | ऐसे में महादेव असमंजस में पड़ गए | तब महादेव ने तरकीब लगाई और बोला तुम दोनों में से जो पूरी पृथ्वी के साथ चक्कर सबसे पहले लगाकर आएगा | वही इस समस्या का निवारण करेगा |
इस बात को सुनते ही भगवान कार्तिकेय अपने मोर पर बैठकर तुरंत पृथ्वी के चक्कर लगाने निकल पड़े पर भगवान गणेश सोचने लगे कि मैं मोषक पर इतनी जल्दी छक्कार लगाकर कैसे आ पाऊंगा | तब उनके मन में आया और वह जाकर अपने माता पिता भगवान शिव एवं माता पार्वती के चारों और 7 चक्कर लगा लिए | जब भगवान शिव ने उनके ऐसा करने का कारण पूछा था उन्होंने कहा के माता पिता के चरणों में समस्त लोक होता है | और भगवान गणेश का यह जवाब सुनकर भगवान शिव प्रसन्न हो गए और उसके बाद देवी देवता की सहायता करने के लिए गणेश भगवान को कार्य सौपा | और ऐसा कहा जाता है कि तब महादेव ने उनको आशीर्वाद दिया कि चतुर्थी के दिन जो भी तुम्हारी पूजा पाठ करेगा वह सभी दुखों से दूर रहेगा | और इस कथा को सुनने से खुशहाली घर में आती है |
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