गणेश चतुर्थी एक ऐसा महापर्व जिसे सनातन धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से गिना जाता है । हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने ही शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आती है जो कि भगवान श्री गणेश जी को समर्पित होती है । लेकिन भाद्रपद मास में पढ़ने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन ही ये महापर्व मनाया जाता है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये बताया जाता है कि भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि के दिन ही भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था । इस दिन भक्तजन श्री गणपति महाराज का खूब धूम - धाम से , पूरे जोश से , व ढोल और नगाड़ों की गूंजो के साथ अपने घर में विराजमान करते हैं और आने वाले अगले 10 दिनों तक होने वाले सभी धार्मिक कार्यों को विधि पूर्वक व श्रद्धा और भाव से पालन कर श्री गणेश उत्सव को सफलतापूर्वक पूर्ण करते हैं । श्री गणपति महाराज को मुख्य रूप से कुछ चीजें बेहद ही पसंदीदा होती हैं जैसे कि : - मोदक , मोतीचूर के लड्डू , बेसन के लड्डू , केला , गुड़ , मूंग की दाल का हलवा , खीर और गुड़ से बने मोदक इत्यादि । यदि कोई व्यक्ति भगवान श्री गणपति महाराज की पूजा में इन चीजों को शामिल कर लेता है तू उसे भगवान श्री गणेश की असीम कृपा प्राप्त होती है । जरूरी नहीं है कि आप इन सभी चीजों का भोग श्री गणपति महाराज को आप इनमें से किसी भी चीज का भोग उन्हें लगा सकते हैं और यदि आप भगवान श्री गणपति महाराज को अपनी राशि के अनुसार भोग लगाते हैं तो मुख्य रूप से आपको मनवांछित फल की प्राप्ति होगी व सुखमय सुमंगलदायक जीवन प्राप्त होगा । आइए अब जानते हैं भोग से जुड़े इस जानकारी के बारे में : -
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