बलराम जयंती के दिन पूजा की व्रत की विधि - इस दिन जो भी महिलाएं व्रत करती हैं वह सुबह उठकर स्नानादि करके व्रत करने का संकल्प लें | व्रत वाले दिन कोई भी कांटेदार या पलाश के पेड़ की कोई पहले जमीन या गमले में गाड़ दे | और फिर उसके पूरे विधि विधान से पूजा करें | इस पूजा में पलाश के पत्ते पर महुआ का फूल और भैंस के दूध से बना दही रखकर पूजा करते हैं | और उस दिन पूरा दिन निर्जला व्रत रखकर शाम के समय शुभ मुहूर्त महुआ का फूल और भैंस के दूध से बनी दही को खाकर निर्जला व्रत का प्रण करती है |
इस दिन को लेकर ऐसी मान्यता है कि यदि बलराम जयंती के दिन पुत्रवती महिलाएं व्रत रखते हैं तो के पुत्र के जीवन में सुख, शांति, स्वास्थ्य,धन, यश, आदि की भी प्राप्ति होती है | उन्हें लंबी आयु प्राप्त होती है और भगवान बलराम की तरह बल भी प्राप्त होता है | यदि यह व्रत पूरे श्रद्धा- भाव, पूजा -विधि विधान से किया जाए जीवन में सुख शांति आती है | और ऐसा कहा जाता है कि बलराम भगवान की कृपा सदैव तुम पर बनी रहती है | घर में सुख शांति के साथ आर्थिक धन की कमी भी नहीं होती है | परिवार में खुशी का माहौल बना रहता है | इसीलिए इस व्रत को महिलाएं
अपने पुत्र के लिए भी करती हैं | जिससे उनके पुत्र की आयु लम्बी हो
जीवन के संकटों से बचने हेतु जाने अपने ग्रहों की चाल, देखें जन्म कुंडली