भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था इसलिए इसे जन्माष्टमी कहा जाता है। इनका जन्म मध्य रात्रि को हुआ था इसलिए अष्टमी तिथि को देखना बहुत जरूरी है। अगर आप कृष्ण की पूजा करते हैं वैसे तो भगवान हर कण-कण में विद्यमान हैं लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी पर आप भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं तो आपको इस श्री कृष्ण की पूजा से संतान प्राप्ति, लंबी आयु और समृद्धि की प्राप्ति होती है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मना कर हर मनोकामना पूरी की जा सकती है। भगवान श्री कृष्ण को तारक ब्रह्म भी कहा जाता है दुनिया में दो ऐसे स्वरूप हैं जिनकी कृपया सर्वाधिक व्यक्ति को प्राप्त होती है एक हैं शिव और दूसरे हैं कृष्ण। इसलिए भगवान कृष्ण की जन्माष्टमी बनाकर हर मनोकामना पूरी की जा सकती है। ऐसा देखा गया है कि अगर आपका चंद्रमा कमजोर है तो भगवान कृष्ण की पूजा करने से आपको विशेष लाभ मिलेगा और आप अपने चंद्रमा को शक्तिशाली कर सकते हैं। पद्मपुराण नियम के अनुसार जिस मध्य रात्रि को अष्टमी होती है उसे ही जन्माष्टमी कहा जाता है।देश भर के सभी कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी विशेष धूमधाम के साथ मनाई जाती है। इस साल जन्माष्टमी 30 अगस्त दिन सोमवार को मनाई जाएगी।
कैसे करें कृष्ण जन्माष्टमी पर बच्चों को बाल गोपाल बनने के लिए तैयार
हमारे भारतीय समाज में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है खासकर के लिए विवाहित स्त्रियों के लिए वे अपने बच्चों को कृष्ण जन्माष्टमी पर अलग-अलग पोशाक बनाकर बाल गोपाल की तरह तैयार करती हैं। कृष्ण जन्माष्टमी पर माताओं में अपने बच्चों को एक विशेष रूप से दिखाने की होड़ रहती है। प्रत्येक यही चाहता है कि उसका बच्चा सबसे अच्छा देखें। और ऐसी और बहुत सी झांकियां तैयार करी जाती हैं जिसमें बाल गोपाल के रूप में छोटे-छोटे बच्चे होते हैं। कहीं पर बाल गोपाल को राधा के साथ भी देखने का मिलता है। तो कहीं पर बाल गोपाल को माता यशोदा के साथ भी देखने को मिलता है। उन्हें तैयार करके उनके माता-पिता उनकी अच्छी फोटो लेते हैं और सोशल मीडिया पर भी डालते हैं। लेकिन कुछ बच्चे बाल गोपाल बनने के लिए तैयार नहीं होते तो जानिए कैसे करें अपने बच्चों को तैयार