प्रथम भुजा
उनकी प्रथम भुजा में अंकुश का वास है जो इस बात को दर्शाता है कि व्यक्ति को अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। ये भगवान गणेश को विश्वकर्मा जी ने उपहारस्वरूप दिया था। कहा जाता है एक बार विश्वकर्मा जी भगवान शिव से मिलने पहुंचे। गणेश जी ने उन्हें प्रणाम किया और कहा कि आप मेरे लिए क्या उपहार लाये हैं। विश्वकर्मा जी ने संकोच में कहा हे प्रभु आप स्वयं भगवान हैं मैं भला आपको क्या दे सकता हूँ फिर भी आपके समक्ष स्वनिर्मित उपहार रखता हूँ आप स्वीकार करें। तब गणेश जी अंकुश, पाश और पद्म पाकर प्रसन्न हो गए।
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 20 सितम्बर - 6 अक्टूबर 2021