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जानिए चार भुजाधारी बप्पा की हर भुजा का अलग और अनोखा रहस्य

ak.gudiya1998@gmail.com ak.gudiya1998@gmail.com My jyotish expert Updated Tue, 14 Sep 2021 09:13 PM IST
चार भुजाधारी बप्पा
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गणेश जी बुद्धि के देवता हैं। प्रथम आराध्य देव हैं, बुधवार को भगवान गणेश की पूजा होती है। किसी भी प्रकार की पूजा या धार्मिक कार्य भगवान गणेश के स्मरण के बिना सफल नही होता है। यदि बप्पा प्रसन्न होते हैं तो सारे विघ्न हर लेते हैं भक्तों का जीवन में खुशहाली आ जाती है। यदि रूठ जाते हैं तो अचानक से हर कार्य असफल होने लगता है, बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं। गणेश जी का शारीरिक रूप अलग है और इनके रूप में ही सारे गुण विद्यमान हैं। शिवमानस पूजा में गणेश जी को ॐ बताया गया है, ऊपर वाले भाग को गणेश जी मस्तक, चंद्रबिंदु को लड्डू मात्रा को सूंड और नीचे वाले भाग को उदर कहा गया है। चतुर्बाहु बप्पा की चारों भुजाएं चारों दिशाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। ये भुजाएं यह संकेत देती हैं कि जीवन में अपने कर्मों को सही समय पर करना चाहिए। गणपति जी का पेट यह बताता है कि हर बात को अपने पेट में ही रखें समाज में घृणा ना फैलाएं। उनकी नाक सम्मान और सूंड उनकी बुद्धिमानी का प्रतीक है। उनका प्रिय भोजन मोदक एवं वाहन मूषक है। चंचल मूषक की सवारी कर गणेश जी उस पर नियंत्रण रखते हैं और मोदक स्वाद के साथ आसानी से उपलब्ध होने वाला भोजन है। गणेश जी से जुड़ी हर चीज़ किसी का किसी बात का संकेत देती है। आइये जानते हैं चतुर्बाहु बप्पा की चार भुजाओं के राज-

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