इस कालाष्टमी प्राचीन कालभैरव मंदिर दिल्ली में पूजा और प्रसाद अर्पण से बनेगी बिगड़ी बात : 14 -मई - 2020
दुर्गा अपने भक्तों को अंधकार व अज्ञानता से भरे राक्षसों से रक्षा करती हैं। उनकी कृपा से भक्त के जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं तथा उसके घर में धन - सम्पदा का वास होता है। देवी दुर्गा शांति, समृद्धि तथा धर्म पर आघात करने वाली विनाशकारी शक्तियों का अंत करती हैं। उनके आशीर्वाद से संसार में नकारात्मकता का विनाश होता है तथा धर्म की विजय होती है। देवी दुर्गा अपने भक्तों की रक्षा के लिए सदैव उपस्थित होती हैं। वह प्रमुख देवी हैं जिनकी तुलना परंब्रह्म से की गई है। उनकी शक्ति के समक्ष टिकने का सामर्थ्य किसी में नहीं। वह अपने शताक्षी स्वरूप के कारण शांकभरी के नाम से भी जानी जाती हैं। देश भर में माता के अनेकों मंदिर है। सती स्वरूप में उनके अंगो के विभाजन के साथ ही भारत में 51 शक्तिपीठों का निर्माण हुआ था।
मासिक शिवरात्रि के दिन बंगाल के 108 शिवलिंग मंदिर में कराएं जलाभिषेक, होगी सर्व सुख की प्राप्ति व पूर्ण होंगे अटके हुए कार्य : 20-मई-2020
माँ दुर्गा की उपासना के लिए पूर्ण विधिविधान से संकल्प करना चाहिए। पूजा के दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि कर लेना चाहिए। उसके पश्चात माँ दुर्गा को फल - फूल तथा भोग अर्पण करने चाहिए। इस दिन दुर्गासप्तशती का पाठ भी करना चाहिए। इस पाठ से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। देवी दुर्गा का अवतार श्रेष्ठ पुरुषों की रक्षा के लिए हुआ है। वह अपने भक्तों की समस्त नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करती हैं। उनका जीवन सांसारिक सुखों से परिपूर्ण कर देती हैं। देवी दुर्गा की महिमा अलौकिक है। उनका आशीर्वाद भक्तों के जीवन का उद्धार करता है।
यह भी पढ़े :-
शनि के तेल अभिषेक से दूर होती है साढ़े साती की दशा
सूर्य नारायण के पूजन व पाठ से समाप्त होते हैं ग्रह दोष
गंगाजल की पवित्रता से दूर हो जाते हैं वास्तु दोष