myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Sati's oil gets away from consecration

शनि के तेल अभिषेक से दूर होती है साढ़े साती की दशा

MyJyotish Expert Updated 09 Jun 2020 06:29 PM IST
Sati's oil gets away from consecration
विज्ञापन
विज्ञापन
शनि देव सूर्य देव और माता छाया के पुत्र हैं। जन्म से ही उनके अपने पिता के संबंध ठीक नहीं है। वह बालावस्था से ही महादेव की कठोर तप व अर्चना करते थे क्योंकि वह नवग्रहों में सर्व श्रेष्ठ बनना चाहते थे। महादेव के आशीर्वाद से शनि की शक्ति अन्य ग्रहों से बहुत अधिक मानी जाती है। शनि देव न्याय के देव माने जाते हैं। वह किसी भी व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। यदि कर्ता के कार्य अच्छे होते हैं तो उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है और यदि कर्ता के कार्य ठीक नहीं हैं तो उन्हें कर्म के अनुसार दंड प्रदान किए जाते हैं। शनि के शुभ -अशुभ प्रभावों का एक व्यक्ति के जीवन पर बहुत गहरा असर होता है इसलिए एक सुखद जीवन की इच्छा रखने के लिए शनि देव का प्रसन्न रहना बहुत आवश्यक है।


पौराणिक मान्यताओं की एक कथा के अनुसार सूर्य देव की अर्धांगिनी एवं शनि देव की माता छाया भगवान शिव की बहुत बड़ी उपासक थी। जब शनि देव उनके गर्भ में थे तब वह शिव की अर्चना में पूर्ण रूप से लीन थीं। वह तप में इतनी समर्पित थीं की उन्होंने खाना - पीना सब छोड़ दिया था और पूर्ण रूप से शिव की दिन रात पूजा करती थीं। इसका असर शनि देव के शरीर को ध्वस्त बनाता गया और उनके शरीर का रंग अंधकार समान काला पड़ गया। जब उनका जन्म हुआ तो सूर्य देव ने उनका रंग देखकर अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया एवं माता छाया का घोर अपमान करने लगे। इसी बात से शनि देव अपने पिता के विरोधी बन गए और सदैव ही उनसे बलशाली होकर अपनी माता के अपमान का बदला लेने के लिए शिव की उपासना करने लगे थे।

शनि साढ़े साती और ढैय्या से बचने के लिए शनि धाम कोकिलावन में कराएं तेल अभिषेक

शनि देव की कुदशा जिस पर पड़ गयी उसके जीवन का सर्वनाश हो जाता है। शनि देव सभी दिशाओं से उसका सुख -चैन छीन लेते हैं। शनि की दशा आसानी से समाप्त नहीं होती है। उनके कुप्रभावों का विनाश करने के लिए उन्हें प्रसन्न रखना बहुत आवश्यक है। इसलिए शनिवार के दिन उनका सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए इससे वह प्रसन्न होते हैं और उनके भक्तों पर उनका आशीर्वाद बना रहता है। उनके शुभ प्रभावों से व्यक्ति के समस्त दुखों का नाश होता है और व्यक्ति के घर में सुख-सुविधाओं की कोई कमी नहीं रहती। उसके घर में धन - संपत्ति का वास होता है।

यह भी पढ़े :-

भय से मुक्ति पाने के लिए की जाती है गौरी-शंकर की उपासना

धन - संपत्ति की देवी हैं माँ लक्ष्मी

माँ संतोषी की आराधना से पूर्ण होंगी समस्त इच्छाएं

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X