मान्यताओं के अनुसार जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो, तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं। शुभ कार्यों की शुरुआत से पहले सुंदरकांड का पाठ करने का विशेष महत्व माना गया है। किसी व्यक्ति के जीवन में ज्यादा परेशानियां हो, वह यदि सुंदरकांड के पाठ करे तो उसे शुभ फल प्राप्त होने लग जाते हैं। इस पाठ से हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं।
जिस दिन सुंदरकांड का पाठ हो उन्हें एक दिन पहले अपने घर की अच्छे से सफाई करनी चाहिए साथ ही साथ लहसुन-प्याज़ का सेवन भी नहीं करना चाहिए। प्रातःकाल उठकर स्नान ध्यान करने के पश्चात एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर हनुमान की प्रतिमा स्थापित करके तिल के तेल का दीपक जलायें तत्पश्चात हनुमान जी की फल, लाल चन्दन, फूल, मिष्ठान आदि से विधिवत पूजन करके बेसन के लड्डुओं का भोग लगायें। उसके बाद सुन्दरकाण्ड का पाठ प्रारम्भ करें।
मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा का विधान है। बल, बुद्धि, विद्या के दाता हनुमान जी की पूजा से व्यक्ति जीवन के हर संकट से मुक्ति पा लेता है। जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक सुंदरकांड का पाठ करता है उसके सारे मनोरथ पूर्ण होते हैं। उसके जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं।
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