उन्हें चिंतपूर्णी, छिन्नमस्ता व प्रचंड चंडिका के नाम से भी जाना जाता है। वह एक देवी के दोनों ही स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। एक जिसमें वह संसार में जीवन दायक के रूप में उपस्थित हुई हैं। वहीं दूसरी जिसमें वह जीवन संहार के रूप में उपस्थित हुई हैं। देवी अपने दोनों ही स्वरूपों में भक्तों का कल्याण करती हैं। उन्हें समस्त दुःख-दर्द और परेशानियों से मुक्त करती हैं।
छिन्नमस्तिका जयंती पर बिष्णुपुर के छिन्नमस्ता मंदिर में कराएं अनुष्ठान और पाएं कर्ज से मुक्ति : 7-मई-2020
मान्यताओं के अनुसार बंगाल का बिष्णुपुर मंदिर देवी छिन्नमस्तिका के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस स्थान पर यदि देवी की पूजा सम्पन्न की जाए तो व्यक्ति के कोई भी जीवन संहार के रूप में उपस्थित हुई हैं। देवी अपने दोनों ही स्वरूपों में भक्तों का कल्याण करती हैं। उन्हें समस्त दुःख-दर्द और परेशानियों से मुक्त करती हैं।
छिन्नमस्तिका जयंती पर बिष्णुपुर के छिन्नमस्ता मंदिर में कराएं अनुष्ठान और पाएं कर्ज से मुक्ति : 7-मई-2020
मान्यताओं के अनुसार बंगाल का बिष्णुपुर मंदिर देवी छिन्नमस्तिका के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस स्थान पर यदि देवी की पूजा सम्पन्न की जाए तो व्यक्ति के कोई भी कार्य निष्फल नहीं होते। उसके जीवन में विभिन्न प्रकार की सुख-सुविधाओं का परिपूर्णता से स्थान होता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवी ने अपनी सहेलियों जया एवं विजया की भूख को शांत करने हेतु अपना शीश काट दिया था। देवी के धड़ से निकली रक्त की धारा का पानकर जया और विजया का जीवन धन्य हो गया और वह देवी की अधीन हो गई।
इस स्वरूप में देवी ने क्षण भर को भी अपने सुख का ध्यान न करके अपनी सहेलियों की इच्छाओं की पूर्ति की, ठीक उसी प्रकार जैसे एक माँ सदैव खुद से पहले अपने बालक की मनोकामनाओं को पूर्ण करने की कोशिश करती है। देवी सर्वशक्तिशाली, वह किसी का भी समापन क्षणभर में कर सकती हैं परन्तु जब बात उनके माँ के स्वरुप की आती है तो वह स्वयं को ध्वस्त करके भी अपने बच्चों की कामनाओं की पूर्ति करती हैं।
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देवी छिन्नमस्ता की आराधना करने से व्यक्ति की चिंताओं का सर्वनाश होता है। देवी अपने भक्तों को वह शक्ति प्रदान करती है जिसमें वह स्वयं का स्वार्थ देखे बिना जरुरतमंद की सहायता करें। अपनी इच्छाओं से पूर्व अपने सहप्रियों की इच्छाओं का सम्मान करता हो।
जो मनुष्य पूर्ण श्रद्धा व सच्चे मन से देवी की आराधना में लग जाता है उसकी सभी इच्छाएं अवश्य ही पूर्ण होती हैं। देवी छिन्नमस्तिका संसार को आत्मशक्ति प्रदान करती हैं जिससे व्यक्ति अपने कार्यों को सफल करने के लिए पूर्ण रूप से मेहनत करें व अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। उसके संघर्ष के साथ-साथ देवी का आशीर्वाद तो सदैव उसके ऊपर बना ही रहती है।
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