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जानिए भगवती भवानी कैसे करेंगी अपने भक्तों का उद्धार

MyJyotish Expert Updated 29 Apr 2020 09:08 PM IST
Know how Bhagwati Bhavani will do the salvation of her devotees
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महादेव की अर्धांगिनी पार्वती (दुर्गा ) के अनेकों नामों में से एक नाम है भवानी। इन्हें शक्ति-धरा भी कहा जाता है। भगवती भवानी को वाचक, दुर्गा, चण्डी, भैरवी, काली, शाकुम्भरी, शताक्षी आदि नामों से भी जाना जाता है। इनके मुख व मुद्रा के भाव विकराल हैं। वह व्यक्ति के जीवन काल में किए भले-बुरे कार्यों का निरीक्षण करती हैं। उनका वाहन सिहं है जो की पराक्रम एवं आक्रमण की इच्छा शक्ति का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने अपने हाथों में शत्रुओं का नाश करने के लिए शस्त्र धारण किए हुए हैं। लोक व्यवहार में तलवार को भी भवानी कहा जाता है।



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भगवती भवानी का जन्म राक्षसों का विनाश करने के लिए हुआ था। देवी की उपासना से आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है। यदि कोई व्यक्ति ग्रह के प्रभावों से परेशान है तो उसे देवी की पूजा करनी चाहिए इससे ग्रह दोष की समाप्ति होती है। देवी अपने भक्तों की गरीबी, पैसों की दिक्कत दूर कर देती हैं तथा भक्तों को सौभाग्यशाली होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

अथाह संपत्ति की प्राप्ति के लिए माँ भगवती भवानी अनुष्ठान

पूर्ण श्रद्धा से देवी को याद करने से घर में धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। देवी साधकों के सभी दुखों का नाश करती हैं एवं उन्हें सुखमय जीवन प्रदान करती हैं। उनकी पूजा में रोली का बहुत महत्व होता है। देवी को लाल रंग की चुनरी अर्पण की जाती है जो की बहुत शुभ माना जाता है। देवी को प्रसन्न करने हेतु कन्याओं को भोजन करवाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार छोटी-छोटी कन्याओं में स्वयं देवी का वास होता है।

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देवी भवानी के अनेकों रूप हैं। सावित्री, पार्वती व माँ लक्ष्मी से अलग उनका मुख्य रूप गौरी अर्थात शांतिमय और सुन्दर स्वरुप है। इस रूप में उन्हें गौरा के नाम से भी जाना जाता है। उनका सबसे भयावय रूप माँ काली का है। देवी अपने काली स्वरूप में अंधकार के समान काले रंग को धारण किए हुए हैं तथा वह बहुत क्रोधित भी हैं। वह इस रूप में भक्तों के कष्टों का निवारणकर उन्हें सुख-समृद्धि से परिपूर्ण करती हैं तथा अधर्म का विनाश करती हैं। देवी भवानी की आराधना से भक्तों को अथाह संपत्ति की प्राप्ति होती है एवं उनकी धन से जुड़ी समस्याओं का भी निवारण हो जाता है।

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