myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Somavati Amavasya: Many rare yogas to be made on Somvati Amavasya

Somavati Amavasya: सोमवती अमावस्या पर बनेंगे कई दुर्लभ योग

MyJyotish Expert Updated 30 May 2022 12:53 PM IST
सोमवती अमावस्या पर बनेंगे कई दुर्लभ योग 
सोमवती अमावस्या पर बनेंगे कई दुर्लभ योग  - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन

सोमवती अमावस्या पर बनेंगे कई दुर्लभ योग 


इस बार सोमवती अमावस्या बहुत खास है क्योंकि इसे वर्ष 2022 की अंतिम सोमवती अमावस्या माना जा रहा है. इस बार सोमवती अमावस्या 30 मई को पड़ रही है, इस दिन वट सावित्री व्रत भी रखा जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. जो सोमवार को पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. इस बार सोमवती अमावस्या 30 मई को पड़ रही है. इस दिन किए गए व्रत, पूजा, स्नान, दान आदि का फल अक्षय होता है. इस साल इस तिथि का विशेष महत्व है क्योंकि लंबे इंतजार के बाद 30 मई को वट सावित्री व्रत भी पड़ रहा है.

इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. ऐसा माना जाता है कि इस बार सोमवती अमावस्या बेहद खास है क्योंकि इसे साल 2022 की आखिरी सोमवती अमावस्या माना जा रहा है. इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थसिद्धि और सुकर्मा योग भी बन रहे हैं. सोमवती अमावस्या के बारे में अधिक जानने के लिए उत्सुक लोगों के लिए, यहां दिनांक, समय, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि सहित सभी देवता हैं.

आज ही करें देश के प्रतिष्ठित ज्योतिषियों से बात, मिलेगा हर परेशानी  का हल 

सोमवती अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त:

सोमवती अमावस्या की तिथि - 30 मई 2022 दिन, सोमवार
अमावस्या तिथि प्रारंभ - 29 मई 2022 दोपहर 02:54 बजे से
अमावस्या तिथि समाप्त - 30 मई 2022 शाम 04:59 बजे तक

सोमवती अमावस्या पूजा विधि:

सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कार्य समाप्त कर स्नान करना चाहिए. गंगा स्नान करना उत्तम होता है. अगर आप किसी कारणवश गंगा स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं तो घर में नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए

इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. साथ ही इस दिन दान भी करना चाहिए. पितरों की शांति के लिए इस दिन आप तर्पण, श्राद्ध आदि कर सकते हैं. ऐसा करने से आपको अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

इसके बाद पीपल के पेड़ को अर्घ्य देना चाहिए. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए इस दिन तेल और तिल का दीपक जलाकर शनिदेव की पूजा करनी चाहिए. 

शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए और भगवान शनि देव के मंत्र का जाप करना चाहिए.
इसके बाद भगवान यम की भी पूजा करनी चाहिए.पूजा के बाद व्यक्ति को अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार दान देना चाहिए. 

शनि जयंती पर शनि शिंगणापुर मंदिर में कराएं तेल अभिषेक 

सोमवती अमावस्या का महत्व:

किसी भी महीने की अमावस्या के दिन श्राद्ध, तर्पण और स्नान का पितरों के लिए बहुत महत्व होता है. इसके अलावा इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करना शुभ होता है. इसके साथ ही भगवान शिव की पूजा करने का भी विधान है. इसके साथ ही विवाहित महिलाओं को बरगद के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए.भगवान शिव की पूजा सोमवार के दिन की जाती है और इसलिए ऐसा माना जाता है कि उन्हें प्रसन्न करने से उनके जीवन की सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है.

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, एक अविवाहित लड़की एक योग्य पुरुष पाने के लिए इस दिन व्रत रखती है जबकि एक विवाहित महिला अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है. यहां तक कि जो दंपत्ति संतान की योजना बना रहे हैं उन्हें भी इस दिन व्रत रखने की सलाह दी जाती है.
 

ये भी पढ़ें

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
X