जन्माष्टमी पर कराएं वृन्दावन के बिहारी जी का सामूहिक महाभिषेक एवं 56 भोग, होंगी समस्त कामनाएं पूर्ण
इन राशियों पर शनि की ढ़ैया-
29 अप्रैल 2022 से शनि करने जा रहे हैं कुंभ राशि में प्रवेश। जो कि 29 मार्च 2025 तक इसी राशि में रहेंगे। शनि जब कुंभ राशि में प्रवेश करेगी तो वृृश्चिक व कर्क राशि वालों पर शुरू हो जाएगी शनि ढ़ैया। तो वहीं दूसरी ओर तुला व मिथुन वाले जातकों को इससे मुक्ति मिल जाएगी। आपको बता े दें कि ज्योतिष विज्ञान के अनुसार चंद्रमा कर्क राशि की स्वामी ग्रह मानी जाती है। और इसी प्रकार मंगल वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह माने जाते हैं। ज्योतिष गणनाओं के मुताबिक, आमतौर पर शनि की ढ़ैया बेहद कष्टकारी होती है। इस समयावधि में व्यक्ति को हर जगह रूकावटों का सामना करना पड़ता है। और विभिन्न प्रकार की बिमारियों या मानसिक तनाव से जूझने लगता है। या फिर आर्थिक स्थिति दयनीय हो जाती है। ऐसे में हर तरह से लोग क्षति का अनुभव करने लगते हैं।
जानें कब लगती है ढ़ैया-
शनि जब गोचर के दौरान किसी जातक के जन्म राशि से चतुर्थ या अष्टम भाव में मौजूद होता है तो इसे शनि की ढ़ैया कहा जाता है। ढ़ैया का शाब्दिक अर्थ हीं होता है ढ़ई साल। अगर जन्म कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में विराजमान नहीं है तो साढ़ेसाती के जैसे ढ़ैया भी उतनी हीं कष्टदायी साबित होती है। और जिस भी व्यक्ति पर शनि की ढ़ैया लगती है तो वह पूरे ढाई वर्षों तक चलती है। ऐसे में जातक को ढ़ाई साल तक विपत्तियों का सामना करना पड़ जाता है।
शनि ढ़ैया के लक्षणः
- नींद का गायब हो जाना।
- नौकरी वाले व्यक्ति की पदोन्नति में लगातार बाधा या रूकावट होना।
- अचानक से कोर्ट-कचहरी के चक्करें काटना।
- किसी न किसी से बार-बार विवाद की स्थिति पैदा होना।
- कर्ज से मुक्ति के बजाय लगातार ऋण धारक बनना।
- बूरी चीजों जैसे- जुए आदि का लत लगना।
- बार-बार लोहे से टकराना या चोट लगना।
- बार-बार अपमानित होना।
शनि के ढ़ैया से बचने के उपायः
- शिव जी के मंत्रों का जाप करें। ओम नमः शिवाय या शिवजी के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- पीपल के वृक्ष के नीचे शनिवार के दिन बैठकर 108 बार शनि के मंत्र का जाप करें।
- प्रत्येक शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- हर शनिवार शनिदेव की विधिवत पूजा करें। और इन की प्रतिमा पर सरसों का तेल अर्पित करें। इसके अलावा इनकी मूर्ति पर अपराजिता की फूल भी चढ़ाएं।
- शनि महाराज को काले रंग की वस्तुएं अत्यंत प्रिय होते हैं। इसलिए शनिवार के दिन काली वस्तुओं का दान करना चाहिए।
- जरूरतमंदों को काले जूते, काले वस्त्र, काले तिल, उड़द दाल, आदि का दान करना शुभ माना जाता है।
- शनिवर के दिन सरसो का तेल कटोरी में लें। और उसमें अपने चेहरे को देखकर उस तेल को फिर मदद हीन को छाया दान करें।
- तांबे के लोटे में जल लें और उसमें थोड़ा कला तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ा दें।
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