ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव होता है। इनकी दशा बदलते ही हमारे जीवन की दिशा भी बदल जाती है। हर ग्रह समय-समय पर अपना स्थान परिवर्तन करते हैं। ये एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। ये जब भी किसी अन्य राशि में प्रवेश करते हैं तो उसका प्रभाव सभी 12 राशियों और उनके जातकों पर पड़ता है। ये प्रभाव शुभ होगा या अशुभ ये उस राशि और ग्रह के स्थान पर निर्भर करता है। ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों की अपनी विशेषता बताई गई है। बात करें शनि की तो इसे सबसे क्रूर ग्रहों में से एक माना जाता है।
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यदि आप पर शनि का बुरा प्रभाव है तो ये आपको बहुत भारी पड़ सकता है। यहां तक कि कई बार तो बात व्यक्ति के जीवन पर भी आ जाती है। ज्योतिष की दृष्टि से शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या दोनों ही व्यक्ति के लिए बहुत हानिकारक मानी जाती है। हर व्यक्ति को अपने जीवनकाल में इन दोनों के प्रभाव को सहना ही पड़ता है। शनि जब भी अपना स्थान बदलते हैं तब कुछ राशियों पर इसका प्रभाव पड़ता है कुछ राशियां इनके प्रभाव से मुक्त हो जाती है। फिलहाल मिथुन राशि, मकर राशि, धनु राशि, तुला राशि और कुंभ राशि को पर इसका प्रभाव चल रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का असल में क्या अर्थ होता है।
शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या क्या होती है?
जब शनि किसी जातक की राशि से चौथे या आंठवे स्थान की राशि में प्रवेश करते हैं तब इन राशियों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव शुरू हो जाता है। अब क्योंकि शनि अपना राशि परिवर्तन करने के लिए ढाई वर्ष का समय लेते हैं इसलिए शनि की ढैय्या का प्रभाव किसी भी राशि के ऊपर ढाई वर्ष तक रहता है। इसके पश्चात जैसे ही शनि दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं इनपर से ये प्रभाव खत्म हो जाता है। शनि की ढैय्या एक समय पर दो राशि के जातकों पर प्रभाव डालती है।
दूसरी ओर जब शनि किसी जातक के जन्म राशि से प्रथम, द्वितीया या द्वादश स्थान पर हो तो उसपर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव होता है। शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव एक समय पर तीन राशियों पर होता है। प्रत्येक राशि के जातक को शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव साढ़े सात वर्ष तक झेलना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या दोनों ही व्यक्ति के जीवन को बर्बाद कर सकती है। जब व्यक्ति पर इनमें से किसी एक का भी प्रभाव रहता है तब उस व्यक्ति की किस्मत भारी हो जाती है। उसके जीवन में मुसीबतें आती है और हर कार्य में बाधाएं आती हैं।
वर्तमान में किन राशियों पर हैं इनका प्रभाव?
अभी की बात करें तो मिथुन राशि और तुला राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है। वहीं दूसरी ओर धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव झेलना पड़ रहा है। शनि इस वर्ष कोई भी राशि परिवर्तन नहीं करने वाले हैं। शनि अपना अगला राशि परिवर्तन 29 अप्रैल, 2022 को करेंगे। इस दौरान शनि कुंभ राशि में गोचर होंगे।
इस राशि परिवर्तन के पश्चात मिथुन राशि और तुला राशि के जातक शनि की ढैय्या से राहत मिलेगी। इसके साथ ही कर्क राशि और वृश्चिक राशि के जातकों पर इसका प्रभाव शुरू हो जाएगा। इसके अतिरिक्त शनि के स्थान बदलने से धनु राशि के जातक शनि की साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएंगे। दूसरी ओर मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू होगा जो अगले साढ़े सात वर्ष तक बना रहेगा।
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