शनि का साढ़े साती के प्रकोप से बचने के लिए , शनि जयंती के दिन करें ये उपाय
शनि देव को कर्म फल दाता कहा जाता हैं । उन्हें न्याय का देवता कहते है । शनि देव सब के राशि के अनुसार साढ़े साती या ढैय्या के रूप में आते है । ऐसा कह सकते हो की सबकी जीवन कुंडली में शनि देव से पीड़ित होती है । सब को शनि देव का सामना करनाभी पड़ता है । शनि जयंती हर साल ज्येष्ठ महीना की सोमवती अमावस्या के दिन मनाया जाता हैं । इनके प्रकोप से बचने के लिए शनि देव का पूजा पूरे मन और विधि विधान से करना चाहिए । 2022 में कुछ राशियों पर इसका असर पड़ेगा जिससे उनको शनि की साढ़े साती का सामना करना पड़ सकता हैं। तो ऐसे समय पर वह शांत मन से सोचे की उनको कैसे पूजा अर्चना करनी चाहिए । जिससे उनको थोड़ा शांति मिले। शनि देव के प्रकोप से बचने के कुछ उपाय है शायद कुछ जानते होंगे और कुछ नहीं आइए देखते हैं कि क्या है इसका उपाय –
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शनिवार के दिन शनि देव के मन्दिर जाकर उनकी पूजा अर्चना कर के सरसों तेल में तिल मिलाकर उनको अर्पित करे इससे आपका कष्ट कम होगा । या हो सके तो सरसों के तेल में लौंग मिलका चढ़ाए ऐसा करने से आपको शांति मिलेगी ।
शनिवार के दिन हनुमान चालीसा पढ़ो ,हनुमान जी की पूजा पूरे विधि विधान से करो ।ऐसा करने से आपकी शनि की दशा में कुछ सुधार आएगा । उसके बाद शनि देव की पूजा अर्चना करे और उनसे प्रार्थना करे की हमारा कष्ट दूर करें ।
शनिवार के दिन जरूरत मंदो को दान देना चाहिए । उस दिन सरसों का तेल , तिल का तेल ,कला कम्बल या कपड़ा ,लोहा ( शनिवार के दिन लोहा ना खरीदे )दान करना चाहिए ।
शनि जयंती पर शनि शिंगणापुर मंदिर में कराएं तेल अभिषेक
शनिवार के दिन शनि देव की पूजा नीला फूल , शमी के पत्ते करें , फिर उनके पास सरसों का दीपक जलाएं कर उनको नमन करे ।इससे आपको शनि के साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलेगी ।
शनिवार के दिन शाम में शमी के पास सरसों का दीपक जलाएं । और उसी दिन ( शनिवार की सुबह ) पीपल वृक्ष के नीचे सरसों का दीपक जलाएं । इससे शनि दोष कम होता हैं ।
शनिवार के दिन सुबह बहते जल में अखंड नारियल को प्रवाहित करे लेकिन इस उपाय को करने से आपको कोई ना देखे इस बात का ध्यान रखे ।
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
शनि की साढ़े साती या ढईया कम करने के लिए सातमुखी रुद्राक्ष को पहनना चाहिए । इसके साथ ही शमी के जड़ को काले कपड़े में बांध कर शनिवार के दिन बाजू में बांध ले ।
शनि प्रकोप से बचने के लिए हमको इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए –
ॐ प्रां प्रीं प्रौ सः शनिश्चराय नमः ।
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