हमारे देश में कई तरह के मंदिर है जिस में लोगों की काफी मानता है और हमारे देश में ऐसे ही कुछ रहस्य में मंदिर भी जिस के बारे में आप सब जान कर हैरान हो जाएंगे। हाल ही में पता चला था कि छत्तीसगढ़ में वनदेवी मंदिर में प्रसाद के रूप में जहां भक्त माता को मिष्ठान या फल-फूल नहीं बल्कि कंकड़-पत्थर चढ़ाते हैं।
आज हम आप को ऐसे ही एक अनोखे मंदिर की मानता सुनने जा रहे है जिस के बारे में आप सब जान के सोच में पड़ जाएंगे।
भोपाल में एक अनोखा मंदिर जिसके बारे में एक अलग ही मानता है।आम तौर पर भगवान के घर में हम लोग जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाते है। लेकिन वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ऐसा अनोखा मंदिर है। जहां पर ये मानता है कि जब भक्त की मनत या कोई मनोकामना पूरी हो जाती है, तो देवी मां को नए चूते-चप्पल चढ़ाए जाते है। ये सब सुनकर आप सब को हैरानी तो जरूर हो रही होगी, लेकिन भोपाल के कोलार में पहाड़ी पर बना यह मां दुर्गा की मंदिर है जिसे सिद्धिदात्री पहाड़ वाला मंदिर के नाम से जाना जाता है।
इस मंदिर में लोगों की लगभग 20 सालों से यह मान्यता है कि मन्नतें पूरी होने से देवी मां को नए जोड़ी जूते-चप्पल भेट किए जाते है। सिर्फ जूते-चप्पल ही नहीं बल्कि लोग चश्मा, टोपी और घड़ी भी माता को भेंट करते हैं जिसे माता प्रसन्न होती है और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती है।
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माना जाता है कि इस महान मंदिर के पीछे एक कहना है कि ओम प्रकाश नामक महाराजा ने यहां माता की मूर्ति को स्थापित किया और साथ ही शिव-पार्वती का विवाह भी कराया था एवं खुद कन्यादान भी करवाया था। इसलिए वे मां सिद्धिदात्री को अपनी बेटी मानकर उनकी पूजा करते है।
जीजी बाई मंदिर में स्थापित देवी का ख्याल एक बेटी की तरह रखा जाता है और माता की हर एक इच्छा पूरी की जाती है।
जानकारी से पता चला है कि, जब ऐसा आभास हो जाता है कि माता पर चढ़ाए गए कपड़ों से खुश नहीं है तो एक दिन में दो-तीन बार भी उनके कपड़े बदले जाते हैं। यह मंदिर दिनभर खुला रहता है और भक्तों की लम्बी लाइन माता के दर्शन करने और मन्नत मांगने आते हैं। भक्त माता को जो चप्पल-जूते चढ़ाते हैं उन्हें जरूरतमंदों को बांट दिया जाता है।
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